मदीने में वहाबी आतंकी के हाथों मासूम शिया बच्चे की हत्या पर वरिष्ठ शिया धर्मगुरू की कड़ी प्रतिक्रिया
ईरान के पवित्र शहर क़ुम में वरिष्ठ शिया धर्मगुरू आयतुल्लाह साफ़ी गुलपायगानी ने मदीने में 7 वर्षीय मासूम शिया बच्चे की हत्या पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार आयतुल्लाह साफ़ी गुलपायगानी ने 7 वर्षीय मासूम “ज़कर्रिया बद्र अली अलजाबिर” की एक वहाबी आतंकी द्वारा की गई हत्या पर अपना रोष प्रकट करते हुए सवाल किया है कि, क्यों अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और इस्लामी देशों के शासक एवं अधिकारी विशेषकर सऊदी अरब की सरकार इस नृशंस एवं क्रूर्तापूर्ण अपराध पर चुप्पी साधे हुए हैं।?
समाचार एजेंसी फ़ार्स के मुताबिक़ आयतुल्लाह साफ़ी गुलपायगानी ने मरहूम बच्चे के परिवार वालों के प्रति अपनी संवेदना जताई है और उस बच्चे के लिए विशेष प्रार्थना की है। उन्होंने कहा है कि मैंने जब यह समाचार सुना तो मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि एक मासूम बच्चे की हत्या केवल इस लिए बड़ी बेरहमी से कर दी गई क्योंकि वह शिया मुसलमान था। आयतुल्लाह साफ़ी गुलपायगानी ने कहा कि यह और अधिक दुखद की बात है कि उस स्थान पर इस मासूम बच्चे की हत्या की गई जहां पैग़म्बरे इस्लाम (स) पर ईश्वरीय संदेश अर्थात “वही” उतरती थी।
आयतुल्लाह साफ़ी ने कहा कि यह जघन्य अपराध एक ऐसे व्यक्ति ने अंजाम दिया जो न इंसान है और न ही मुसलमान, जिससे यह आसानी से समझा जा सकता है कि कैसे एक मनुष्य जो अपना जीवन ऐसे स्थान पर व्यतीत कर रहा है जो इस दुनिया के सबसे पवित्र स्थानों में से है और जो पवित्र क़ुरआन के नाज़िल होने का केंद्र है और पैग़म्बरे इस्लाम के रौज़े के पास है लेकिन इन सबके बावजूद वह इंसान न बनकर एक जानवर से भी बदतर हो गया।
आयतुल्लाह साफ़ी गुलपायगानी ने अपने संदेश में कहा कि, क्या इन दुष्टों के गंदे दिलों में, जो जानवर से भी बदतर हैं, थोड़ी सी भी दया और करुणा नहीं है? उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और इस्लामी देशों की सरकारें, विशेष रूप से सऊदी अरब, इस क्रूर अपराध पर चुप्पी क्यों साधे हुए है, क्या ऐसे लोग अपनी ख़ामोशी से यह साबित नहीं कर रहे हैं कि वे ऐसे जघन्य अपराधों का समर्थन करते हैं? (RZ)