क्षेत्र से अमरीका का निष्कासन प्राथमिकता में होना चाहिएः ईरान
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ईरान की उच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव ने कहा है कि क्षेत्र से अमरीका का निष्कासन प्राथमिकता में होना चाहिए और जब तक आतंकवादी अमरीकी सेना पश्चिमी एशिया के क्षेत्र में रहेगी तब तक इस क्षेत्र में टिकाऊ शांति, सुरक्षा व स्थिरता स्थापित नहीं हो पाएगी।
(last modified 2023-04-09T06:25:50+00:00 )
Jan १३, २०२० १८:१४ Asia/Kolkata
  • क्षेत्र से अमरीका का निष्कासन प्राथमिकता में होना चाहिएः ईरान

ईरान की उच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव ने कहा है कि क्षेत्र से अमरीका का निष्कासन प्राथमिकता में होना चाहिए और जब तक आतंकवादी अमरीकी सेना पश्चिमी एशिया के क्षेत्र में रहेगी तब तक इस क्षेत्र में टिकाऊ शांति, सुरक्षा व स्थिरता स्थापित नहीं हो पाएगी।

अली शमख़ानी ने सोमवार को सीरिया के प्रधानमंत्री एमाद ख़मीस से तेहरान में मुलाक़ात के अवसर पर कहा कि क्षेत्रीय देशों की एकता से अमरीका की दुष्टतापूर्ण उपस्थिति समाप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि ईरान ने अमरीका की ऐनुल असद छावनी पर मीज़ाइलों की बारिश करके और अमरीका के अपराध का कड़ा जवाब देकर एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि वह किसी भी स्थिति में अपनी सुरक्षा व राष्ट्रीय हितों की रक्षा में तनिक भी ढिलाई नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि अमरीकी राष्ट्रपति और उनके मूर्ख सलाहकार यह सोच रहे थे कि आईआरजीसी के कमांडर शहीद जनरल क़ासिम सुलैमानी की हत्या करके क्षेत्र में प्रतिरोध के मोर्चे को ध्वस्त कर देगा लेकिन शहीद सुलैमानी और उनके साथियों का ख़ून, प्रतिरोध के मोर्चे की अधिक मज़बूती और क्षेत्र व विश्व की जनता के घृणा में वृद्धि का कारण बनेगा।

 

ईरान की उच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव ने इसी तरह सीरिया से आतंकी गुटों को जड़ से ख़त्म करने के बारे में इस देश की सरकार की कार्यवाहियों का समर्थन करते हुए कहा कि सीरिया के तेल और उसके स्रोतों की लूट-मार एक अन्य त्रासदी है जिसे क्षेत्र से अमरीका को पूरी तरह निकाल कर ख़त्म किया जा सकता है। इस मुलाक़ात में सीरिया के प्रधानमंत्री एमाद ख़मीस भी आतंकवाद से संघर्ष में अपने देश की जनता के समर्थन और मदद में ईरान के अभूतपूर्व प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि शहीद क़ासिम सुलैमानी का लक्ष्य, अमरीका व ज़ायोनी शासन के अत्याचारों के मुक़ाबले में क्षेत्रीय जनता की मदद करना था। उन्होंने कहा कि तेहरान व दमिश्क़ के संबंध सभी क्षेत्रों में पहले से अधिक विस्तृत होने चाहिए। (HN)