ईरान का तेल निर्यात अब हुर्मुज़ स्ट्रेट पर निर्भर नहीं रहा, प्रतिबंध अपनी हर बुराई के साथ देश के लिए अवसर भी पैदा करता हैः राष्ट्रपति रूहानी
राष्ट्रपति रूहानी ने कहा है कि देश का तेल निर्यात अब हुर्मुज़ स्ट्रेट पर निर्भर नहीं रह गया है और प्रतिबंधों से देश के लिए अवसर भी पैदा हुए हैं।
डाॅक्टर हसन रूहानी ने गुरुवार को कई अहम परियोजनाओं के उद्घाटन समारोह में वीडियो काॅन्फ़्रेंसिंग से भाग लिया और इसी तरह गूरे-जास्क तेल पाइप लाइन बिछाने की राष्ट्रीय परियोजना को शुरू करने का आदेश दिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ईरान पर प्रतिबंध लगाने वाले समझ गए हैं कि वे पैदावार में उछाल और तकनीक के क्षेत्र में प्रगति की ओर ईरानी राष्ट्र के बढ़ते क़दमों को नहीं रोक सकते। उन्होंने कहा कि प्रतिबंधों से जितनी भी समस्याएं पैदा हुई हों, उनका एक लाभ भी है और वह यह कि इनसे देश के सामने अवसर पैदा होते हैं और प्रतिबंधों ने ही हमें इस बड़ी परियोजना को ख़ुद शुरू करने के लिए प्रेरित किया है।
राष्ट्रपति रूहानी ने गूरे-जास्क तेल पाइप लाइन की रणनैतिक परियोजना के बारे में कहा कि क्षेत्र के बहुत से देशों ने अपने तेल के निर्यात के लिए दूसरा रास्ता बना लिया है ताकि हुर्मुज़ स्ट्रेट के लिए ख़तरनाक स्थिति पैदा होने पर वे उस रास्ते से अपना तेल निर्यात कर सकें। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में सिर्फ़ ईरान ऐसा देश रह गया था जो हुर्मुज़ स्ट्रेट पर निर्भर था और अगर किसी दिन किसी भी वजह से यह जलमार्ग बंद हो जाता तो ईरान का तेल निर्यात पूरी तरह से रुक जाता। राष्ट्रपति ने कहा कि अनेक विदेशी कंपनियां इस संबंध में हमारी मदद करना चाहती थीं लेकिन नहीं कर सकीं और प्रतिबंध लगाने वाले यानी अमरीका व ज़ायोनी शासन को अच्छी तरह पता चल गया है कि वे ईरान के उत्पादन व तकनीक में प्रगति में ज़रा सी भी रुकावट नहीं डाल सकते। (HN)
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