मुहर्रम में हुसैनी अज़ादारों ने इतिहास रच दिया, दुश्मनों की साज़िशों पर पानी फिर गया
राष्ट्रपति रूहानी का कहना है कि इस साल की अज़ादारी ने दुश्मनों को प्रोपेगैंडा करने का मौक़ा नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि अल्लाह का शुक्र है कि इस बार की अज़ादारी समस्त धार्मिक, नैतिक और चिकित्सा सिद्धांतों पर अमल करते हुए अंजाम दी गयी।
राष्ट्रपति डाक्टर हसन रूहानी ने बुधवार को मंत्रीमंडल की बैठक से पूर्व पहली मुहर्रम से दसवीं मुहर्रम तक आयोजित होने वाली शोक सभाओं और कार्यक्रमों के बारे में कहा कि इस साल मुहर्रम के कार्यक्रम त्याग और बलिदान तथा समझदारी के साथ अंजाम दिए गये।
राष्ट्रपति रूहानी ने कहा कि इस साल मुहर्रम की अज़ादारी विशेष ढंग से और भव्य रूप से मनाई गयी। उनका कहना था कि मेडिकल प्रोटोकॉल पर अमल की वजह से इस साल अज़ादारी सीमित थी किन्तु हमारी जनता ने अज़ादारी में अच्छी पहल की।
उनका कहना था कि इस साल की अज़ादारी में सोशल मीडिया से भी भरपूर फ़ायदा उठाया और देश विदेश में रहने वाले वक्ताओं के बयान सुने।
राष्ट्रपति रूहानी ने कहा कि घरों में होने वाली मजलिसें पिछले वर्षों की तुलना में अधिक भव्य ढंग से आयोजित हुईं।
राष्ट्रपति ने चिकित्सा सिद्धांतों का खयाल रखने पर जनता का आभार व्यक्त किया और कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी होने वाले आंकड़ें बताते हैं कि मुहर्रम के 80 प्रतिशत कार्यक्रमों में मेडिकल प्रोटोकॉल का ख़याल रखा गया और सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का भरपूर प्रयोग किया गया। (AK)
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