अमरीका, ईरान की सरकार गिराना चाहता था लेकिन वह नाकाम रहा, दुनिया अब चुप न बैठे...
(last modified Mon, 07 Sep 2020 16:48:22 GMT )
Sep ०७, २०२० २२:१८ Asia/Kolkata
  • अमरीका, ईरान की सरकार गिराना चाहता था लेकिन वह नाकाम रहा, दुनिया अब चुप न बैठे...

इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति ने कहा कि जब भी अमरीकियों को अपनी ग़लती का एहसास हो जाएगा और वह परमाणु समझौते और सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2231 पर प्रतिबद्ध हो जाएंगे, यह ख़ुद अमरीका और क्षेत्र व दुनिया के हित में होगा और उनके लिए आगे के रास्ते खुल जाएंगे।

राष्ट्रपति डाक्टर हसन रूहानी ने स्वीज़रलैंड के विदेशमंत्री से मुलाक़ात में कहा कि अमरीका वर्षों से इस्लामी व्यवस्था को तबाह करने और ईरान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के प्रयास में रहा है। उनका कहना था कि श्रीमान ट्रम्प ने ग़लत अंदाज़ों के साथ यह सोचा कि ईरान पर दबाव और आर्थिक युद्ध थोपकर तीन महीने में ही व्यवस्था को उखाड़ फेंकेगे।  

राष्ट्रपति रूहानी ने कहा कि आज अमरीका के लिए पूरी तरह स्पष्ट हो गया कि उसने ग़लती की और वह दबाव तथा प्रतिबंधों से अपने लक्ष्य नहीं साध सका।

उनका कहना था कि ईरान के विरुद्ध अमरीका के प्रतिबंध और आर्थिक युद्ध, देश के एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी की दूसरे देश में हत्या और ईरान की वायु सीमा का उल्लंघन, आर्थिक आतंकवाद, आतंकवाद और हवाई आतंकवाद का खुला नमूना है जो अमरीका ने अंजाम दिया है।

राष्ट्रपति रूहानी ने कहा कि दुनिया के सभी स्वतंत्र और मित्र देशों से हमारी यह अपेक्षा है कि वह अमरीका के वर्षों से जारी आतंकवाद और उसकी ग़ैर क़ानूनी कार्यवाहियों पर चुप न रहें।

इस मुलाक़ात में स्वीज़रलैंड के विदेशमंत्री ने ईरान और स्वीज़रलैंड के बीच संबंधों के 100 वर्ष पूरे होने पर ख़ुशी ज़ाहिर की और कहा कि ईरान और स्वीज़रलैंड के संबंध प्राचीन और गहरे हैं। (AK)

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