परमाणु केंद्रों का निरीक्षण रोकना, शहीद फ़ख़्रीज़ादे की हत्या का जवाब!
(last modified Wed, 02 Dec 2020 17:28:59 GMT )
Dec ०२, २०२० २२:५८ Asia/Kolkata
  • परमाणु केंद्रों का निरीक्षण रोकना, शहीद फ़ख़्रीज़ादे की हत्या का जवाब!

ईरान के सांसदों ने बताया है कि शहीद फ़ख़्रीज़ादे की हत्या के जवाब में देश के परमाणु प्रतिष्ठानों के निरीक्षण से अंतर्राष्ट्रीय निरीक्षकों को रोकने के लिए एक बिल तैयार किया गया है।

ईरान के परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या को रोकने के लिए तेहरान को शहीद फ़ख़्रीज़ादे की हत्या का जवाब देना होगा वर्ना इसे उसकी कमज़ोरी समझा जाएगा और आगे भी इस तरह की हत्याएं होती रहेंगी। टीकाकारों का कहना है कि अमरीका, यूरोप, ज़ायोनी शासन और सऊदी अरब ईरान के कड़े जवाब की ओर से बहुत अधिक चिंतित हैं और संसद की ओर से  ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों के निरीक्षण को रोकने के संबंध में तैयार किए गए बिल ने उनकी चिंता को और अधिक बढ़ा दिया है। ईरान में कुछ महीनों बाद होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनज़र संसद का यह फ़ैसला, अगले चार बरसों में पश्चिम के साथ ईरान के संबंधों पर बहुत असर डालेगा।

 

ईरान ने पश्चिम को उस पर लगे प्रतिबंधों को हटाने के लिए दो महीने का समय दिया है और अगर ऐसा नहीं होता है तो फिर अंतर्राष्ट्रीय निरीक्षकों को ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों के निरीक्षण की इजाज़त नहीं दी जाएगी। यह क़दम दुनिया को यह समझाता है कि पश्चिम द्वारा परमाणु समझौते के अंतर्गत किए गए अपने वादों का पालन न किए जाने की भारी क़ीमत चुकानी पड़ेगी। टीकाकारों का यह भी कहना है कि अगर पश्चिम ने अपने वचनों को पूरा न किया तो ईरान परमाणु समझौते से पूरी तरह बाहर निकल सकता है और इसकी पूरी ज़िम्मेदारी अमरीका व पश्चिम पर होगी।

 

देश के वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिक शहीद डाॅक्टर मोहसिन फ़ख़्रीज़ादे की हत्या के कारण ईरान की संसद मजलिसे शूराए इस्लामी और ईरानी जनता चाहती है कि परमाणु प्रतिष्ठानों के निरीक्षण को रोक दिया जाए। इसके दृष्टिगत अगर पश्चिम ने ईरान की मांगें स्वीकार न कीं तो संसद का यह बिल, जो अब क़ानून का रूप धारण कर चुका है, दो महीने बाद लागू हो जाएगा। यह ऐसी स्थिति में है कि जब ब्रिटेन की लेबर पार्टी के कई सदस्यों ने कहा है कि शहीद फ़ख़्रीज़ादे की हत्या से इस्राईल और क्षेत्र की कुछ अरब सरकारों को सबसे ज़्यादा लाभ हुआ है क्योंकि इस आतंकी कार्यवाही का लक्ष्य, ईरान के आगामी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करना था। (HN)

 

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