सीआईए के पूर्व प्रमुख का इंटरव्यूः इस्राईल ने ट्रम्प को क़ासिम सुलैमानी की हत्या के लिए उकसाया, फ़ख़्रीज़ादे का क़त्ल सरकारी आतंकवाद...इस्राईल को भारी क़ीमत चुकानी पड़ सकती है
इस्राईली अख़बार हाआरेत्ज़ ने सीआईए के पूर्व प्रमुख जान ब्रेनन से किया गया अपना एक इंटरव्यू प्रकाशित किया है जिसमे ब्रेनन ने कहा कि मुझे तो यही लगता है कि इस्राईल ने ट्रम्प प्रशासन को ईरान की क़ुद्स फ़ोर्स के कमांडर जनरल क़ासिम सुलैमानी की हत्या के लिए उकसाया।
ब्रेनन का इटरव्यू करने वाले इस्राईली सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञ पत्रकार यूसी मिलमैन का कहना है कि ब्रेनन ईरान के परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फ़ख़्रीज़ादे की हत्या जैसी कार्यवाहियों को सरकारी आतंकवाद मानते हैं। क्योंकि इस तरह एक सरकार दूसरी सरकारों को भी प्रोत्साहित करती है कि वह अपने विरोधियों की हत्या करें।
इस्राईली अख़बार हाआरेत्ज़ ने इसके साथ ही अपनी टिप्पणी में लिखा कि परमाणु वैज्ञानिक की हत्या तो इस्राईल ने कर दी है लेकिन अब उसे भारी क़ीमत चुकानी पड़ सकती है। सुरक्षा विशेषज्ञ आमोस हरईल ने लिखा कि तेहरान के क़रीब परमाणु वैज्ञानिक की हत्या हुई तो इस्राईली मीडिया में इस पर ख़ुशी ज़ाहिर की गई मगर इस हद तक घमंड ठीक नहीं है क्योंकि इस कार्यवाही के बेहद विनाशकारी परिणाम निकलेंगे। ईरान अपना इंतेक़ाम ज़रूर लेगा इसमें किसी को संदेह नहीं है।
हारईल ने आगे लिखा कि अगर इस्राईल की सुरक्षा एजेंसियों की गतिविधियों का जायज़ा लिया जाए तो उसमें बहुत सारी ख़ामियां नज़र आती हैं। इस स्थिति में ईरान ने हमला किया तो कौन रोक पाएगा? इस समय नेतनयाहू का हाल यह है कि वह सुरक्षा और इंटेलीजेन्स एजेंसियों में बड़े पदों पर अपनी पसंद के अधिकारियों को बिठाने में लगे हैं ताकि ख़ुद को विपरीत परिस्थितियों में बचा सकें मगर इस प्रक्रिया में भी नेतनयाहू को बार बार हताशा का सामना करना पड़ रहा है।
नासेरा शहर से ज़ुहैर अंद्राओस की रिपोर्ट
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