शहीद जो रास्ता खोलते हैं उसे दुनिया की कोई ताक़त न रोक सकती है और न बंद कर सकती है, दुश्मन हमारे जवाब का इंतेज़ार करेः जनरल सलामी
(last modified Wed, 09 Dec 2020 05:18:09 GMT )
Dec ०९, २०२० १०:४८ Asia/Kolkata
  • शहीद जो रास्ता खोलते हैं उसे दुनिया की कोई ताक़त न रोक सकती है और न बंद कर सकती है, दुश्मन हमारे जवाब का इंतेज़ार करेः जनरल सलामी

आईआरजीसी के कमांडर ने कहा है कि हम ईरान के महान वैज्ञानिक शहीद मोहसिन फ़ख़रीज़ादे के रास्ते को दृढ़ संकल्प और इच्छाशक्ति के साथ आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि दुश्मन इस्लामी गणतंत्र ईरान की उस कड़ी प्रतिक्रिया के लिए तैयार रहे जो हम सही समय पर उन्हें देने वाले हैं।

समाचार एजेंसी तसनीम की रिपोर्ट के मुताबिक़, आईआरजीसी के कमांडर ब्रिगेडियर जनरल हुसैन सलामी ने ईरान के महान वैज्ञानिक शहीद मोहसिन फ़ख़रीज़ादे की याद में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि, ईश्वर की हमपर सबसे बड़ी कृपा, शहादत और बलिदान है। उन्होंने कहा कि हम सबके प्रिय शहीद मोहसिन फ़ख़रीज़ादे ईश्वर के रास्ते पर चलते हुए शहीद हो गए जो गर्व की बात है। हम उन्हें मुबारकबाद पेश करते हैं। जनरल सलामी ने कहा कि शहीद फ़ख़रीज़ादे ने ईरान को गौरान्वित किया है। उन्होंने कहा कि ईरान के दुश्मनों को यह पता होना चाहिए कि शहादत हमारे रास्तों की रोशनी है, हम अपने शहीदों के रास्तों को पूरी दृढ़ता के साथ आगे बढ़ाएंगे, क्योंकि जो रास्ते शहीद खोलते हैं उसे दुनिया की कोई ताक़त न बंद कर सकती है और न रोक सकती है।

आईआरजीसी के कमांडर जनरल हुसैन सलामी ने कहा कि, हर वह बिंदू जहां दुश्मन अपना ध्यान केंद्रित करता है, वह हमारी ताक़त और दुश्मन का डर है। उन्होंने कहा कि, हत्या जैसे आपराधिक कृत्यों का सहारा लेने का मतलब है कि हमें शहीद फख़रीज़ादे जैसे लोगों को उनकी ही तरह प्रशिक्षित करना होगा। जनरल सलामी ने कहा कि, शहीद फ़ख़रीज़ादे के शिष्य उनके इस रास्ते को पूर्ण इच्छाशक्ति और मज़बूत इरादों के साथ आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि, हमारे दुश्मन सही समय पर ईरान की ओर से उन्हें मिलने वाले पीड़ादायक जवाब का इंतेज़ार करें। आईआरजीसी के कमांडर ने कहा कि दुश्मन हत्या और अपनी कायरतापूर्ण कार्रवाइयों से हमे डराने की सोचता है, जबकि उसे यह जान लेना चाहिए कि शहादत इस्लामी क्रांति में और चमक पैदा करने का कारण बनती है। उन्होंने कहा कि हम शहादत के साथ आगे बढ़े हैं, लेकिन दुश्मनों इस बात को नहीं समझ सकते हैं। जनरल सलामी ने कहा कि, दुश्मन सोचते हैं कि, हमारे महापुरुषों की केवल शारीरिक पहचान होती है, इसलिए वह उनकी हत्या की साज़िशें करते हैं, लेकिन उन महापुरुषों की शहादत हमे बुलंद लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हमारी इच्छाशक्ति को मज़बूत करती है।

आईआरजीसी के कमांडर ब्रिगेडियर जनरल हुसैन सलामी ने कहा कि, हम ईरानी राष्ट्र को इस बात का विश्वास दिलाते हैं कि, देश के महान वैज्ञानिक की कायरतापूर्ण हत्या का बदला हम ज़रूर लेंगे। उन्होंने कहा कि शहादत हमारे लिए सम्मान की बात है। जनरल सलामी ने कहा कि, जैसा कि हमने देखा कि जनरल शहीद क़ासिम सुलेमानी की शहादत अहंकारी और साम्राज्यवादी शक्तियों के लिए अपमान का कारण बनी है उसी तरह शहीद मोहसिन फ़ख़रीज़ादे की शहादत दुश्मनों के लिए अपमान का कारण बनेगी। उन्होंने कहा कि इनकी शहादत से हमारी प्रगति की रफ़्तार सुस्त नहीं पड़ने वाली है बल्कि हमारी रफ़्तार पहले से और ज़्यादा तेज़ होगी। (RZ)

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