अगर पाबंदियाँ बाक़ी रहीं तो आईएईए के इन्सपेक्टरों को मुआयना करने से रोक देंगेः ईरान
(last modified Sun, 10 Jan 2021 17:51:05 GMT )
Jan १०, २०२१ २३:२१ Asia/Kolkata
  • अगर पाबंदियाँ बाक़ी रहीं तो आईएईए के इन्सपेक्टरों को मुआयना करने से रोक देंगेः ईरान

ईरान ने परमाणु समझौते के बाक़ी पक्षों की ओर से प्रतिबद्धाओं का पालन ने होने पर पूरक प्रोटोकॉल पर अमल न करने का फ़ैसला किया है।

ईरान की संसद में राष्ट्रीय सुरक्षा व विदेश नीति आयोग के प्रवक्ता ने कहा है कि अगर तेहरान के ख़िलाफ़ पाबंदियाँ नहीं रुकीं, तो वह अगले क़दम के तौर पर पूरक प्रोटोकॉल पर अमल रोक देगा।

अबुल फ़ज़्ल अमूई ने रविवार को ईरान प्रेस से इंटरव्यू में, परमाणु समझौते में अमरीका के दुबारा शामिल होने से पहले पाबंदियों के हटने के बारे में कहा कि अगर गुट 4+1 के देशों ने अपने वचन को पूरा न किया तो “पाबंदियों को हटाने की रणनैतिक कार्यवाही” नामक क़ानून के छठे अनुच्छेद के मुताबिक़, इस क़ानून के लागू होने के दो महीने बाद, तेहरान पूरक प्रोटोकॉल पर अमल रोक देगा।

ग़ौरतलब है कि तेहरान ने स्वेच्छा से पूरक प्रोटोकॉल को अपनाया था कि उसके  परमाणु कार्यक्रम के शांतिपूर्ण स्वरूप को लेकर किसी भी तरह का संदेह न रहे।

अबुल फ़ज़्ल अमूई ने इस बात का ज़िक्र करते हुए कि “पाबंदियों को हटाने की रणनैतिक कार्यवाही” नामक क़ानून के लागू होने के पहले क़दम के तौर पर ईरान ने 20 फ़ीसद यूरेनियम के संवर्धन को कार्यसूचि में शामिल किया है, कहा कि ईरान की शांतिपूर्ण परमाणु गतिविधियों के सबसे ज़्यादा मुआयना किया गया। पूरी दुनिया में आईएईए के विभिन्न देशों में मुआयने का 23 फ़ीसद से ज़्यादा भाग ईरान से विशेष है।

ईरान की संसद में राष्ट्रीय सुरक्षा व विदेश नीति आयोग के प्रवक्ता ने साफ़ तौर पर कहा कि अगर पाबंदियाँ बाक़ी रहीं और ईरान को व्यापार में रुकावटों का सामना हुआ तो ईरान पूरक प्रोटोकॉल के तहत आईएईए के इन्सपेक्टरों को अपनी परमाणु गतिविधियों का मुआयना करने से रोक देगा।

अमरीका के परमाणु समझौते से 8 मई 2018 के बाहर निकलने के बाद, ईरान ने इस समझौते के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं पर अमल किया लेकिन योरोपीय पक्षों ने इस समझौते के तहत अपने वचन को पूरा नहीं किया जिसके बाद ईरान ने मई 2019 में 5 चरणों में जेसीपीओए के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं को कम करने का क़दम उठाया। उसके बाद ईरान ने 1 दिसंबर 2020 को 9 अनुच्छेद पर आधारित “पाबंदियों को हटाने की रणनैतिक कार्यवाही” नामक क़ानून पास किया, जिसके तहत संसद ने सरकार पर अनिवार्य किया है कि वह 20 फ़ीसद युरेनियम का इन्रिचमंट करे, कम स्तर के संवर्धित यूरेनियम का भंडार बढ़ाए और देश की परमाणु ऊर्जा संस्था नई नस्ल के सेन्ट्रफ़्यूज आईआर2एम और आईआर6 को इस्तेमाल करे। (MAQ/N)

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