कल से ईरान में परमाणु एजेंसी के इंस्पैक्टरों के पर कतर दिए जायेंगे
ईरान के राष्ट्रपति कार्यालय के प्रमुख महमूद वाएज़ी ने कहा है कि संसद का क़ानून 23 फ़रवरी से लागू होगा और आईएईए के पर्यवेक्षकों की गतिविधियों को सीमित कर दिया जाएगा।
वाएज़ी ने कहा कि हमने स्पष्ट शब्दों में घोषणा कर दी है कि पूरक प्रोटोकोल के बारे में संसद का क़ानून 23 फरवरी को लागू। महमूद वाएज़ी ने सोमवार को पूरक प्रोटोकोल के संदर्भ में कहा कि हमने अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेन्सी को बता दिया कि ईरान में सरकार और अधिकारी सभी एकमत हैं कि इस क़ानून को व्यवहारिक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने सामने वाले पक्ष को एसा कोई बहाना नहीं दिया जिससे वह हमसे यह मांग करे कि हम क़ानून को लागू नहीं कर सकें।
राष्ट्रपति कार्यालय के प्रमुख महमूद वाएज़ी ने कहा कि इस क़ानून को 23 फ़रवरी को लागू होना चाहिए। उनका कहना था कि हम अपने वचनों के प्रति कटिबद्ध रहे हैं क्योंकि हमारी परमाणु गतिविधियां, शांतिपूर्ण हैं और यही देश की आधिकारिक नीति भी है। वाएज़ी के अनुसार हम परमाणु शस्त्रों के इच्छुक नहीं हैं और सेफगार्ड के परिप्रेक्ष्य में निरीक्षण को हम स्वीकार करते हैं।
महमूद वाएज़ी ने इसी प्रकार अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेन्सी आईएईए के महानिदेशक की तेहरान यात्रा के बारे में कहा कि वार्ता सफल रही। जो सहमति बनी उससे इस फार्मूले पर पहुंचे कि संसद के क़ानून का सम्मान करते हुए उसे लागू किया जाए और दूसरी ओर एजेन्सी का निरीक्षण, पूरक प्रोटोकोल के आधार पर नहीं बल्कि सेफगार्ड और ईरान के साथ आईएईए के संबन्धों के आधार पर स्थापित हों।
ईरान के राष्ट्रपति कार्यालय के प्रमुख वाएज़ी ने कहा कि जेसीपीओए से संबन्धित सारे प्रतिबंधों के अतरिक्त पिछले चार वर्षों के दौरान ट्रम्प ने जो 1600 प्रतिबंध लगाए उन सबको हटाया जाए। उनका कहना था कि शनिवार को अमरीका के विदेशमंत्री ने स्वीकार किया है कि ईरान के विरुद्ध अधिक दबाव की नीति विफल रही है इसलिए ईरान से प्रतिबंधों की भाषा में बात नहीं की जा सकती।