ईरान का एलान, आईएईए को अगले तीन महीने तक कैमरों तक पहुंच का अधिकार नहीं, अगले तीन महीने के भीतर पाबंदियाँ न हटीं तो ये सूचनाएं मिटा दी जाएंगी और ...
इस्लामी गणतंत्र ईरान की परमाणु ऊर्जा संस्था के प्रमुख ने आईएईए को चेतावनी दी है कि अगर तीन महीने के भीतर पाबंदियाँ नहीं ख़त्म हुयीं तो ईरान की परमाणु गतिविधियों को रेकॉर्ड करने वाले उसके सारे कैमरे हटा दिए जाएंगे।
अली अकबर सालेही ने ईरान और अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी आईएईए के बीच हुई हालिया सहमति का ज़िक्र करते हुए कहा कि आईएईए को अगले तीन महीने तक सूचनाओं को रकॉर्ड करने वाले सिस्टम और कैमरों तक पहुंच का अधिकार नहीं है और अगर अगले तीन महीने के भीतर पाबंदियाँ न हटीं तो ये सूचनाएं मिटा दी जाएंगी और एजेंसी के कैमरे हटा दिए जाएंगे।
इरना के मुताबिक़, अली अकबर सालेही ने एक टीवी प्रोग्राम में पाबंदियों के हटने और ईरानी राष्ट्र के अधिकारों की रक्षा के लिए स्ट्रैटेजिक क़ानून तथा ईरान की ओर से पूरक प्रोटोकॉल का पालन रोके जाने के बारे में कहा कि क़ानून में यह प्रावधान है कि अगर इस क़ानून के पास होने के दो महीने के भीतर जेसीपीओए में सामने वाले पक्ष ने अपने वादे को पूरा न किया तो तेहरान को अडिश्नल या पूरक प्रोटोकॉल पर अमल को रोकने का अधिकार होगा, जिसे अंजाम दिया गया।
उन्होंने आईएईए के महानिदेशक रफ़ाएल ग्रोसी के तेहरान दौरे और उनसे हुयी अपनी मुलाक़ात के बारे में कहा कि इस मुलाक़ात में उन्हें बताया गया कि ईरान अडिश्नल प्रोटोकॉल को रोक देगा और ग्रोसी ने भी कहा कि वह क़ानून को लागू करने के ईरान के अधिकार को मानते हैं।
पिछले रविवार को ईरान और आईएईए के बीच यह सहमति हुयी है कि ईरान सिर्फ़ सेफ़गार्ड का पालन करेगा और अडिश्नल प्रोटोकॉल के पालन तथा जेसीपीओए के तरह एजेंसी को हासिल पहुंच को पूरी तरह रोक देगा। इस आधार पर ईरानी संसद में पास हुए क़ानून के मुताबिक़, ईरान सेफ़गार्ड से हटकर एजेंसी को किसी तरह की पहुंच नहीं देगा और इसके दायरे से बाहर किसी तरह की निगरानी नहीं होगी।
ईरान और आईएईए के बीच हुयी सहमति में साफ़ कहा गया है कि अगर अगले तीन महीने तक अमरीका की ग़ैर क़ानूनी पाबंदियाँ नहीं हटीं तो ईरान की परमाणु गतिविधियों को रेकॉर्ड करने वाली सभी तस्वीरों को हमेशा के लिए मिटा दिया जाएगा।
ग़ौरतलब है कि परमाणु समझौते से अमरीका के ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से निकलने के एक साल तक ईरान ने इस समझौते के तहत अपने सभी वचन पूरे किये और योरोपीय देशों को, जो उन्होंने अमरीका के इस समझौते से निकलने से हुए नुक़सान की भरपाई का वादा किया था, उसे पूरा करने का मौक़ा दिया। जब योरोपीय सरकारें एक साल बाद भी अपने वचन को पूरा नहीं कर पायीं तो तेहरान ने जेसीपीओए के 26वें और 36वें अनुच्छेद के तहत अपने वचन का धीरे धीरे पालन छोड़ना शुरू किया ताकि वचन और उसके अधिकारों के बीच एक तरह का संतुलन क़ायम हो सके।
जेसीपीओए के 26वें और 36वें अनुच्छेद के तहत ईरान को यह अधिकार हासिल है कि अगर इस समझौते के सामने वाले पक्षों ने अपने वचन को पूरा न किया तो उसे भी अपने वचनों का आंशिक या पूरे तौर पर पालन न करने का अधिकार है। (MAQ/N)
हमारा व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए क्लिक कीजिए
हमारा टेलीग्राम चैनल ज्वाइन कीजिए