आईएईए राजनैतिक खेल का अखाड़ा नहीं हैः राष्ट्रपति रूहानी
राष्ट्रपति रूहानी ने तीन यूरोपीय देशों की ओर से आईएईए में ईरान के विरुद्ध प्रस्ताव पेश किए जाने की संभावना की तरफ़ इशारा करते हुए कहा है कि इन देशों को समझ लेना चाहिए कि आईएईए राजनैतिक खेल की जगह नहीं है।
डाॅक्टर हसन रूहानी ने गुरुवार को एक वर्चुअल समारोह में परमाणु समझौते के सदस्य तीन यूरोपीय देशों की ओर से अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी में उठाए गए क़दम की तरफ़ इशारा करते हुए कहा कि आईएईए के अधिकारी जानते हैं कि हमने इस अवधि में उनके साथ अच्छा सहयोग किया है। उन्होंने इस बात की तरफ़ इशारा करते हुए कि आईएईए की रिपोर्टें भी ईरान के सहयोग की पुष्टि करती हैं, कहा कि यूरोपीय देश, दोस्ती का दावा करते हैं लेकिन वे निदेशक मंडल में प्रस्ताव लाने की कोशिश में हैं। उन्होंने कहा कि इन देशों और आईएईए को संबंधों को नहीं बिगाड़ना चाहिए।
राष्ट्रपति रूहानी ने इस बात पर बल देते हुए कि अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी का काम तकनीकी है, कहा कि हालिया सप्ताहों में ही हमने एजेंसी के साथ एक अच्छा समझौता किया है और इस समझौते को जारी रहना चाहिए। उन्होंने अमरीकियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमने तीन साल तक अमरीकी सरकार के उल्लंघनों और आतंकी कार्यवाहियों के मुक़ाबले में प्रतिरोध किया जबकि अमरीकियों ने कोरोना के काल में भी अपनी इंसानों ज़िम्मेदारियों पर अमल नहीं किया। राष्ट्रपति रूहानी ने कहा कि अमरीका की पिछली सरकार को पूरे इतिहास में संसार और ईरान की जनता के सामने शर्मिंदा होना चाहिए।
डाॅक्टर हसन रूहानी ने ज़ोर देकर कहा कि अमरीका पहले ईरान को होने वाली क्षति की पूर्ति करे और उसके बाद ही परमाणु समझौते में आने की बात करे क्योंकि उसने सीधे सीधे ईरान को 200 अरब डाॅलर का नुक़सान पहुंचाया है। राष्ट्रपति ने कहा कि जितना भी विलम्ब होगा उसके लिए अमरीका ही ज़िम्मेदार है क्योंकि ईरान ने कह दिया है कि जब भी उस पर लगे प्रतिबंध हट जाएंगे, तब से वह अपनी सभी प्रतिबद्धताओं का दोबारा पालन शुरू कर देगा। (HN)
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