ईरान ने इस्राईली दूतावास के पास हुए धमाके के बारे में बेबुनियाद इल्ज़ाम को किया ख़ारिज, भारत-ईरान संबंधों के दुश्मनों की चाल बताया...
(last modified Wed, 10 Mar 2021 02:30:10 GMT )
Mar १०, २०२१ ०८:०० Asia/Kolkata
  • ईरान ने इस्राईली दूतावास के पास हुए धमाके के बारे में बेबुनियाद इल्ज़ाम को किया ख़ारिज, भारत-ईरान संबंधों के दुश्मनों की चाल बताया...

नई दिल्ली में इस्लामी गणतंत्र ईरान के दूतावास ने एक बयान में, इस शहर में इस्राईली दूतावास के पास हुए छोटे से धमाके के संबंध में ईरानियों के ख़िलाफ़ बेबुनियाद इल्ज़ाम को रद्द करते हुए कहा है कि ईरान-भारत संबंधों के दुश्मन, अपने बुरे लक्ष्य साधने के लिए इस तरह का दुष्प्रचार कर रहे हैं।

इरना के मुताबिक़, रविवार को कुछ भारतीय संचार माध्यमों में ऐसी रिपोर्टों छपीं जिनमें दावा किया गया है कि नई दिल्ली में इस्राईली दूतावास के सामने हुए बम धमाके में ईरान का हाथ था।

29 जनवरी को नई दिल्ली में इस्राईली दूतावास की इमारत से क़रीब 50 मीटर दूर एक देसी बम का धमाका हुआ था जिसमें कुछ कारों के नुक़सान पहुंचा था। इस धमाके में न तो कोई जानी नुक़सान हुआ और न ही दूतावास की इमारत को कोई नुक़सान पहुंचा था।

इस्लामी गणतंत्र ईरान के दूतावास ने अपने ट्वीटर पेज पर बयान में कहा है कि इस धमाके की वजह से ईरान के ख़िलाफ़ बेबुनियाद इल्ज़ाम लगे और उसे जान बूझ कर हमले का निशाना बनाया गया।

इस बयान में आगे आया हैः यह दूतावास उक्त घटना के अपराधियों की पहचान करने और उन्हें न्याय के कटहरे में खड़ा करने के लिए भारतीय अधिकारियों की चाँज की कोशिशों का सम्मान करता और इस बारे में किसी भी तरह के ग़ैर ज़िम्मेदाराना बयान या बेबुनियाद इल्ज़ाम को कड़ाई से रद्द करता और उसे ईरान-भारत संबंधों के दुश्मनों के बुरे लक्ष्य साधने की कोशिश मानता है।

ईरानी दूतावास ने इस बात पर बल देते हुए कि इस तरह की कार्यवाही से ईरान को कोई फ़ायदा पहुंचने वाला नहीं है, कहा कि इस वक़्त राजनैतिक, आर्थिक, सुरक्षा और रक्षा क्षेत्र सहित सभी क्षेत्रों में ईरान-भारत संबंध पहले से ज़्यादा विकसित हो रहे हैं, इस बिन्दु पर सोचना चाहिए कि इस संदिग्ध धमाके से द्विपक्षीय संबंधों को क्या फ़ायदा पहुंचेगा और हक़ीक़त में किन लोगों को इस तरह के धमाके से फ़ायदा पहुंचेगा।

ईरानी दूतावास ने कहा है कि ईरानी राष्ट्र और सरकार ने कभी भी जंग शुरू नहीं की लेकिन साथ ही वह पूरी वीरता से रक्षा करने वाले भी हैं। ईरानी राष्ट्र और सरकार, वैध रक्षा के उसूल पर अमल करते हुए हमलावरों, युद्धोन्मादियों, आतंकियों  और उनके समर्थकों को पछताने पर मजबूर कर चुके हैं। (MAQ/N)

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