ईरान के राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार मोहसिन रेज़ाई के बारे में अधिक जानिए
(last modified Fri, 28 May 2021 06:39:35 GMT )
May २८, २०२१ १२:०९ Asia/Kolkata
  • ईरान के राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार मोहसिन रेज़ाई के बारे में अधिक जानिए

मोहसिन रेज़ाई मीरक़ाएद, ईरान की इस्लामी व्यवस्था की हित संरक्षक परिषद के सचिव और इमाम हुसैन यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर हैं। आईआरजीसी के कमांडर रह चुके मोहसिन रेज़ाई, चार बार राष्ट्रपति पद के चुनाव में हिस्सा ले चुके हैं।

मोहसिन रेज़ाई का जन्म पहली सितम्बर सन 1954 को ख़ूज़िस्तान प्रांत के एक गांव में हुआ। उन्होंने अपने बचपन और किशोरावस्था का समय मस्जिद सुलैमान शहर में बिताया और माध्यमिक शिक्षा इसी शहर के एक स्कूल में हासिल की। सन 1969 में वे आगे की पढ़ाई के लिए अहवाज़ चले गए। इस शहर में उन्होंने शाह की सरकार के ख़िलाफ़ राजनैतिक संघर्ष शुरू किया जिसके परिणाम स्वरूप उन्हें 1973 में शाह की ख़ुफ़िया एजेंसी ने गिरफ़्तार करके 6 महीने के लिए जेल में डाल दिया। अगले साल उन्होंने यूनिवर्सिटी की एंट्रेंस परीक्षा दी और मेकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक के लिए पास हो गए और तेहरान आ गए। अगले साल शाह की इंटेलीजेंस ने उन्हें फिर परेशान करना शुरू किया जिसके चलते उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी। इस्लामी क्रांति की सफलता के बाद उन्होंने 1990 में तेहरान यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में एमए किया।

 

मोहसिन रेज़ाई 27 साल की उम्र में जब इराक़ ने ईरान पर हमला कर दिया था, इमाम ख़ुमैनी के आदेश पर इस्लामी क्रांति संरक्षक बल आईआजीसी के कमांडर नियुक्त हुए। युद्ध के 8 बरसों में वे इस पद पर रहे। सन 1997 में उन्होंने आईआरजीसी के कमांडर के पद समेत सभी सैन्य गतिविधियां छोड़ दीं और राजनीति की दुनिया में आ गए। उसी साल इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने उन्हें ईरान की इस्लामी व्यवस्था की हित संरक्षक परिषद के सचिव के पद पर नियुक्त किया।

 

मोहसिन रेज़ाई ने 1999 में तेहरान से संसदीय चुनाव लड़ा लेकिन वे चुनाव में जीत नहीं पाए। इसके बाद उन्होंने सन 2005 में राष्ट्रपति पद के चुनाव में नामांकन किया लेकिन चुनाव से दो दिन पहले उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया और कहा कि वे नहीं चाहते कि ज़्यादा उम्मीदवारों के कारण जनता के वोट बंट जाएं। मोहसिन रेज़ाई ने इसके बाद आयोजित होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में फिर नामांकन किया और इस बार चुनाव में तीसरे नंबर पर रहे। उन्होंने अगले राष्ट्रपति चुनाव में भी भाग लिया लेकिन वे फिर चुनाव हार गए। (HN)

 

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