Oct ३०, २०२३ १३:२३ Asia/Kolkata
  • हमास को जकड़ने के लिए अमरीका ने उठाए नए क़दम

अल-अक्सा तूफ़ान ऑपरेशन के बाद, ज़ायोनी शासन और फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधी समूहों के बीच संघर्ष के नए दौर की शुरुआत और इस पर ज़ायोनी शासन की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद इस्राईल के रणनीतिक सहयोगी के रूप में अमरीका ने उसके राजनीतिक, कूटनीतिक और सैन्य समर्थन के लिए पहले से भी कहीं अधिक आगे बढ़कर क़दम उठाए हैं।

अमरीका ने अब हमास के ख़िलाफ़ अपने प्रतिबंधों का विस्तार करने और उन्हें कड़ा करने के लिए यूरोपीय देशों पर दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है। अब वाशिंगटन हमास के वित्तीय स्रोतों को और अधिक गंभीर रूप से दबाने की कोशिश कर रहा है।

अमरीका के उप ट्रेज़री मंत्री वेली एदमि ने घोषणा की है कि वाशिंगटन समान विचारधारा वाले देशों के साथ एक गठबंधन का गठन करना चाहता है, ताकि हमास पर प्रतिबंधों को अधिक कड़ा किया जा सके। अमरीका ने हमास से जुड़े अधिकारियों और वित्तीय नेटवर्क के ख़िलाफ़ अपने दूसरे दौर के प्रतिबंध लागू किए हैं। नए प्रतिबंधों में हमास के गुप्त निवेश स्रोतों और उन व्यक्तियों को लक्षित करते हैं, जिन्होंने प्रतिरोधी समूह को प्रतिबंधों से बचने में मदद की है। वाशिंगटन ने 1997 में फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोधी आंदोलन को एक विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया था। हाल ही में यूरोपीय संघ और यूनाइटेड किंगडम ने भी इस समूह को आतंकवादी समूहों की सूची में शामिल किया था। लेकिन अमरीका के सहयोगियों ने हमास के नेताओं पर प्रतिबंध लगाने में वाशिंगटन की तरह दिलचस्पी नहीं दिखाई है।

दूसरी ओर, अमरीकी प्रतिनिधि सभा का इरादा ज़ायोनी शासन के लिए आपातकालीन सैन्य सहायता के बजट को यूक्रेन और अमरीकी सीमा सुरक्षा की सहायता के बजट से अलग करने का है। अमरीकी प्रतिनिधि सभा में विदेशी मामलों की समिति के प्रमुख माइकल मैक्कल ने कहा हैः हम ऐसा करना चाहते हैं, क्योंकि इस्राईल को इन सहायताओं की तत्काल आवश्यकता है। इस संबंध में रिपब्लिकन द्वारा तैयार किए गए विधेयक की समीक्षा की जानी चाहिए। अगर प्रतिनिधि सभा द्वारा इस सप्ताह इस विधेयक को मंज़ूरी मिल जाती है, तो ज़ायोनी शासन को 14.3 अरब डॉलर की अमरीकी सहायता मिलेगी और यह इस शासन को सीधे अमरीकी हथियार डिपो से हथियारों की आपूर्ति की जा सकेगी।

ग़ज़ा पर ज़ायोनी शासन के हमलों के लिए अमरीका न केवल लॉजिस्टिक मदद दे रहा है, बल्कि उसने सभी प्रकार का गोला-बारूद और बख्तरबंद वाहनों जैसे हथियार भी उपलब्ध कराए हैं। हालांकि अमरीकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने रविवार को कहा कि वाशिंगटन का इस्राईल या ग़ज़ा में ज़मीन पर अपने सैनिकों को उतारने का कोई इरादा नहीं है।

 

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