Nov ०७, २०२३ १४:२८ Asia/Kolkata
  • अवैध ज़ायोनी शासन से राजदूतों की वापसी का सिलसिला जारी, अब तक 9 देशों ने तेलअवीव से तोड़ा नाता!

दुनिया के कई देशों ने ग़ज़्ज़ा पर अवैध ज़ायोनी शासन द्वारा किए जाने वाले पाश्विक हमलों के विरोध में और फ़िलिस्तीन की असहाय महिलाओं और बच्चों के समर्थन में अपने राजदूतों को अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन से वापस बुला लिया है।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, चाड, होंडुरास, चिली, कोलंबिया, जॉर्डन, बहरैन, तुर्किए और बोलीविया सहित दुनिया के कई देशों ने ग़ज़ा में ज़ायोनी शासन के अपराध के विरोध में अपने राजदूतों को वापस बुला लिया है। इस बीच सोमवार देर रात दक्षिण अफ़्रीकी सरकार ने भी इस्राईल में मौजूद अपने राजदूत और राजनयिक मिशन को वापस बुला लिया और ग़ज़्ज़ा पट्टी पर आतंकी ज़ायोनी शासन द्वारा की जा रही बर्बतापूर्ण बमबारी की कड़े शब्दों निंदा करते हुए इसे “नरसंहार” कहा है। दक्षिण अफ़्रीका के मंत्री खुम्बुद्ज़ो नत्शवानी ने कहा, “दक्षिण अफ़्रीकी सरकार ने परामर्श के लिए तेल अवीव में अपने सभी राजनयिकों को वापस बुलाने का फ़ैसला किया है।” उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने “इस्राईल द्वारा अत्याचारों और नरसंहार के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन के संबंध में दक्षिण अफ़्रीक़ा में ज़ायोनी शासन के राजदूत की अपमानजनक टिप्पणियों पर ध्यान दिया था” और अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग को “राजनयिक चैनलों और प्रोटोकॉल के माध्यम से” इससे निपटने के लिए आवश्यक उपाय करने का भी निर्देश दिया था।

उल्लेखनीय है कि जोहान्सबर्ग में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास और प्रिटोरिया और केप टाउन में इस्राईली दूतावासों के बाहर प्रदर्शन कर रहे फ़िलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों ने दक्षिण अफ़्रीक़ी सरकार से ज़ायोनी शासन के राजदूत को निष्कासित करने का आह्वान किया था। दक्षिण अफ़्रीक़ी सरकार के एक मंत्री ने कहा है कि हमें अपने अधिकारियों के साथ इस सहयोग की आवश्यकता है क्योंकि हम फ़िलिस्तीनी क्षेत्र में बच्चों और निर्दोष नागरिकों की हो रही हत्या के बारे में बेहद चिंतित हैं और मानते हैं कि इस्राईल की प्रतिक्रिया सामूहिक सज़ा के बराबर है।”(RZ)

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