Mar ०५, २०२४ १५:३२ Asia/Kolkata

उत्तरी ग़ज़ा पट्टी के जबालिया शरणार्थी शिविर में यून एजेंसी के एक स्कूल में हम आए हैं। यहां बड़ी संख्या में फ़िलिस्तीनी शरणार्थी मौजूद हैं और कोशिश कर रहे हैं कि खाना पकाने और पीने के लिए पानी का बंदोबस्त करें।

स्वयंसेवी कमेटियां कहती हैं कि ईंधन न होने की वजह से बिजली नहीं है और कुओं से पानी निकालने वाले पम्प बंद होते जा रहे हैं। फ़िलिस्तीनियों के लिए पानी के अभाव की वजह से हालात बहुत कठिन होते जा रहे हैं।.....एक फ़िलिस्तीनी ने दिखाया कि हम इस समय वेल नंबर 6 पर हैं यह संयुक्त राष्ट्र एजेंसी की तरफ़ से बनाया गया कुआं है। जबालिया शिविर के भीतर और आस पास के इलाक़ों में दसियों हज़ार लोग हैं जिन्हें पीने का पानी इस कुएं से मिलता है। लेकिन पांच महीने हो रहे हैं कि इस कुएं के लिए एक लीटर ईंधन भी नहीं दिया गया है। सात अक्तूबर से पहले यह कुआं रोज़ाना दस घंटे काम करता था। उसके बाद चार घंटे काम करने लगा और अब ईंधन ख़त्म हो जाने की वजह से यह पूरी तरह बंद पड़ा है। ईंधन का टैंकर ख़ाली है और इसे चालू करने के लिए ईंधन नहीं है। इस इलाक़े के लोग पानी के लिए इस टैंकर के सामने जमा होते हैं। हम अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं से मांग करते हैं कि अपने दायित्व पर अमल करें और ईंधन की सप्लाई करवाएं। कि यह कुएं चल सकें।....महिला ने अपनी पीड़ा बयान की कि न खाने को कुछ है और न पीने का पानी है हम क्या करें। कहते हें कि अगर पानी चाहिए तो यहां से चली जाओ हम कहां चले जाएं ग़ज़ा के लोग क्यूं जाएं। अगर ज़रा भी मान मर्यादा बची है तो ग़ज़ा के लोगों की मदद करें। समुद्र और आसमान से अमरीकी हम पर हमले कर रहे हैं 30 हज़ार लोग मारे जा चुके हैं। ग़ज़ा के लोगों पर यह अत्याचार क्यों किया जा रहा है। हम चाहते हैं कि संघर्ष विराम हो। हम हमें भूख और प्यास से मार देना चाहते हैं लेकिन हम प्रतिरोध करते रहेंगे।....एक बुज़ुर्ग ने कहा कि सहायता एजेंसियों से हम चाहते हैं कि ईंधन की सप्लाई करें। पानी की क़िल्लत से हज़ारों लोंगों की जानें चली जाने का ख़तरा है। हम संयुक्त राष्ट्र और विश्व समुदाय से चाहते हैं कि ग़ज़ा की मदद करे पानी और दवा भेजें।....जबालिया से आईआरआईबी के लिए नज़ाल अलियान की रिपोर्ट   

 

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