लोगों और अपने जैसे इंसानों से सहानुभूति, इमाम महदी से क़रीब होने का तरीक़ा है
(last modified 2024-09-14T09:58:11+00:00 )
Sep १४, २०२४ १५:२८ Asia/Kolkata
  • लोगों और अपने जैसे इंसानों से सहानुभूति, इमाम महदी से क़रीब होने का तरीक़ा है
    लोगों और अपने जैसे इंसानों से सहानुभूति, इमाम महदी से क़रीब होने का तरीक़ा है

पार्सटुडे – महदवीयत या महदवीइज़्म के क्षेत्र में शोध करने वाले एक शोधकर्ता ने लोगों के दुख दर्द में साथ देने और उनकी मदद करने को अंतिम मुक्तिदाता हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम से नज़दीक होने का सर्वोत्तम तरीक़ा क़रार दिया है।

महदवीइज़्म के क्षेत्र में एक शोधकर्ता हुज्जतुल इस्लाम महमूद अबाज़री, लोगों के दुख दर्द में साथ देने और उनकी मदद करने को अंतिम मुक्तिदाता हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम से नज़दीक होने के सर्वोत्तम, सबसे अच्छे और तेज़ तरीकों में से एक मानते हैं। उनका कहना है: दूसरे के दुख दर्द को अपना दुख दर्द समझना और उसके बाद  लोगों की मदद करना।

पार्सटुडे के अनुसार, महदवीयत या महदवीइज़्म के क्षेत्र में शोध करने वाले इस शोधकर्ता ने इस बात पर जोर दिया कि लोगों का अपने साथियों या अपने जैसों के प्रति सहानुभूति रखने और उनकी मदद करने का प्रयास, बहुत ही निर्णायक और महत्वपूर्ण है।

उन्होंने आगे कहा: अगर अहलेबैत या पैग़म्बरे इस्लाम के परिजनों को चाहने वाले और हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम का इंतेज़ार करने वाले,वह काम करें जो उनकी क्षमता और ताक़त में है, तो उन्हें अल्लाह की मदद और उसका समर्थन मिलेगा और हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम जल्द ही प्रकट होंगे।

हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम के बारे में शोध करने वाले शोधकर्ता हुज्जतुल इस्लाम महमूद अबाज़री पैग़म्बरे इस्लाम के पौत्र हज़रत इमाम मुहम्मद बाक़िर अलैहिस्सलाम के हवाले से कहते हैं कि जब हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम प्रकट होंगे और आंदोलन करेंगे तो दुनिया के लोगों के बीच ऐसे दोस्तों और लोगों से उनका सामना होगा जब कोई ज़रूरतंद को ज़रूरत होगी तो वह अपने साथी और भाई की जेब में हाथ डाल कर अपनी ज़रूरत को पूरा कर लेगा।  

 

इस धार्मिक शोधकर्ता ने सूरह निसा की आयत संख्या 165 का हवाला देते हुए जिसमें ईश्वर फ़रमाता है कि

(رُسُلًا مُبَشِّرِینَ وَمُنْذِرِینَ لِئَلَّا یَکُونَ لِلنَّاسِ عَلَى اللَّهِ حُجَّةٌ بَعْدَ الرُّسُلِ ۚ وَکَانَ اللَّهُ عَزِیزًا حَکِیمًا)

यह सारे रसूल बशारत व शुभ सूचना देने वाले  और डराने वाले, इस लिए भेजे गये ताकि रसूलों के आने के बाद इंसानों की हुज्जत और तर्क ईश्वर पर क़ाएम न होने पाए और ईश्वर सब पर ताक़त रखने वाला और दूरदर्शी है।  

 वह कहते हैं: पैग़म्बर सलल्लाहो अलैह व आले व सल्लम के मिशन के बारे में ईश्वसर की परंपरा यह है कि ईश्वर अपना दूत भेजता है, इससे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता कि लोग क्या चाहते हैं, क्या नहीं चाहते हैं, जब तक कि इन नबियों के भेजने के बाद सभी लोगों के लिए तर्क और प्रमाण पूरा न हो जाए लेकिन इमाम महदी अलैहिस्सलाम के प्रकट होने के संबंध में ईश्वरीय कानून यह है कि लोगों को न्याय के लिए आंदोलन करना होगा और उठ खड़े होना होगा।

 

कीवर्ड्ज़: इमाम ज़माना अलैहिस्सलाम का प्रकट होना, महामुक्तिदाता हज़रत इमाम महदी, लोगों की हमदर्दी, पैग़म्बरे इस्लाम के परिजन, महदवीयत, महदवीइज़्म (AK)

 

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