ईरान और हिज़्बुल्लाह ने अमेरिका के अरमानों पर फेरा पानी, क्या नसरुल्लाह की चेतावनी ने दुश्मनों को पीछे हटने पर किया मजबूर?
लेबनान के अलवफ़ा लिलमुक़ावेमा नामी गुट के संसद सदस्य ने देश में चल रहे संकट में अमेरिका की विनाशकारी भूमिका की तीखी आलोचना की है।
अलमनार न्यूज़ चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक़, लेबनान के वरिष्ठ संसद सदस्य हसन फ़ज़्लुल्लाह ने कहा है कि ईरान के ऑयल टैंकर ने क्षेत्र विशेषकर लेबनान के संबंध में अमेरिका और उससे संबंधित गुट और संगठनों के ग़लत अनुमानों पर पानी फेर दिया है। हिज़्बुल्लाह से संबंधित संगठन अलवफ़ा लिलमुक़ावेमा के नेता और लेबनानी संसद के सदस्य हसन फ़ज़्लुल्लाह ने कहा कि वास्तव में यह पराजय ज़्यादातर उन लोगों की हुई है जो लेबनानी जनता को नीचे दिखाने और उन्हें अपमानित करने के साथ-साथ प्रतिरोध को चोट पहुंचाने के बारे में सोचते हैं। लेबनानी संसद सदस्य का कहना था कि अमेरिका लेबनान की जनता का पैसा देश में वापस नहीं आने दे रहा है और साथ ही वह विदेशी सहायताओं को भी लेबनान नहीं पहुंचने दे रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका की विध्वंसकारी कार्यवाहियों ने तेल पदार्थों के आयात में रोड़े अटकाए हुए है जबकि इनके आयात के लिए अमेरिकी आदेश की आवश्यकता नहीं है।
हिज़्बुल्लाह से संबंधित संगठन के संसद सदस्य फ़ज़्लुल्लाह ने स्पष्ट किया कि हिज़्बुल्लाह का उद्देश्य अमेरिकी घेराबंदी और सरकारी अधिकारियों की अक्षमता के कारण समस्याओं से घिरी लेबनानी जनता की मदद करना है। ग़ौरतलब है कि पिछले दिनों ईरान ने तेल के संकट से ग्रस्त लेबनान के लिए ऑयल टैंकर भेजे हैं, जिसके बारे में हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह ने यह चेतावनी दिया था कि इस ऑयल टैंकर में मौजूद तेल लेबनान के शिया व्यापारियों की संपत्ति माना गया है और उसपर हर तरह का हमला लेबनान के ख़िलाफ़ आक्रामकण माना जाएगा। याद रहे कि पिछले एक साल से लेबनान को कड़े आर्थिक और राजनीतिक संकट का सामना है और इस पूरी अवधि में अमेरिका ने न केवल लेबनान की कोई मदद नहीं की बल्कि इस संकट को और गहरा करने के लिए वह लगातार अलग-अलग बहानों से नई समस्याएं खड़ी कर रहा है। (RZ)
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