क्या हंगामों से इराक़ के राजनीतिक संकट का समाधान संभव है?
मुक़तदा सद्र के समर्थक एक बार फिर इराक़ की संसद में घुस गए।
सद्र धड़े के प्रमुख मुक़तदा सद्र के समर्थक शनिवार को दूसरी बार इराक़ की संसद में फिर दाखिल हो गए। संसद में प्रवेष के समय सुरक्षाबलों के साथ झड़पों में कई प्रदर्शनकारी और सुरक्षाबल दोनो ही घायल हुए थे।
मुक़तदा सद्र के समर्थकों ने बुधवार से इराक़ के आगामी प्रधानमंत्री पद के लिए मुहम्मद अस्सूदानी की नामांकन का विरोध आरंभ किया था। एक सप्ताह के भीतर सद्र के समर्थकों का इराक़ी संसद पर यह दूसरा हमला है। मुक़तदा सद्र और उनके समर्थक, मुहम्मद अस्सूदानी को इराक़ का प्रधानमंत्री बनाए जाने के विरोधी हैं। कुछ रिपोर्टों के अनुसार शनिवार को इराक़ की संसद में इस मुद्दे को लेकर बैठक होने वाली थी।
इराक़ के प्रधानमंत्री मुस्तफा काज़मी अपने एक संदेश में कह चुके हैं कि राजनीतिक तनाव, समाज में गंभीर तनाव का कारण बनता है जो लोगों के हित में नहीं होता। इसी बीच "अस्सियादा" गठबंधन ने घोषणा की है कि अगर इस गठबंधन की मांगों पर विचार नहीं किया गया तो वह भी संसद की बैठक में भाग नहीं लेगा। अस्सियादा का यह दृष्टिकोण दर्शाता है कि सद्र-बारेज़ानी और हलबूसी आंदोलनों के साथ वह भी इराक़ के वर्तमान राजनैतिक संकट के समाधान में बहुत गंभीर नहीं हैं।
इराक़ में पिछले 10 महीनों से राजनैतिक संकट चला आ रहा है जिसको वहां के बहुत से राजनेता सुलझाना चाहते हैं। इसी संदर्भ में "अत्तंसीफ़ी" गठबंधन की ओर से कहा गया है कि वे गुट और गठबंधन जो इस समय इराक़ में तनाव पैदा कर रहे हैं, वे एक प्रकार से देश को कमज़ोर करने के प्रयास कर रहे हैं। इराक़ के हालिया परिवर्तनों पर संयुक्त राष्ट्रसंघ ने भी चिंता व्यक्त की है। इराक़ में राष्ट्रसंघ के प्रतिनिधि ने वहां के हालात के संदर्भ में कहा है कि हिंसा, अशांति और उथल-पुथल से बचने के लिए बुद्धि और दूरदर्शिता का बहुत ज़रूरत है। इराक़ की वर्तमान स्थति के बारे में अरबी समाचारपत्र अलजदीद लिखता है कि इस देश के हालात बहुत तेज़ी से ख़राब हो रहे हैं।
इराक़ की हालिया स्थति को देखते हुए वहां पर मध्यावधि चुनाव के बारे में भी बातें की जाने लगी है। पिछले कुछ दिनों के दौरान इराक़ के कुछ राजनीतिक दलों ने देश में मध्यावधि चुनाव कराए जाने की संभावना व्यक्त की है। हालांकि इराक़ में अक्तूबर में ही चुनाव आयोजित हुए हैं। इन चुनावों के आयोजन के बाद से अबतक लगभग 10 महीने का समय गुज़र रहा है किंतु वहां पर विभिन्न कारणों से अभी तक नई सरकार का गठन नहीं हो पाया है। शायद यही वजह है कि इराक़ में नए मध्यावधि चुनाव कराए जाने की सुगबुगाहट सुनाई देने लगी है। हालांकि वहां की स्थति को देखते हुए यह नहीं कहा जा सकता है कि अगर यह चुनाव आयोजित करवाए जाते हैं तो क्या इराक़ का राजनैतक संकट समाप्त हो जाएगा?
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