इस्राईल के साथ ऐसा क्या हुआ जो उसके आक़ाओं का छूटने लगा पसीना? एक छोटी से चिंगारी और ज़ायोनी शासन का वजूद ख़त्म!
(last modified Mon, 28 Aug 2023 12:57:25 GMT )
Aug २८, २०२३ १८:२७ Asia/Kolkata
  • इस्राईल के साथ ऐसा क्या हुआ जो उसके आक़ाओं का छूटने लगा पसीना? एक छोटी से चिंगारी और ज़ायोनी शासन का वजूद ख़त्म!

पिछले कुछ समय से अवैध आतंकी ज़ायोनी शासन आंतरिक मतभेदों और विरोध-प्रदर्शनों से बुरी तरह जूझ रहा है। इस्राईल में पैदा हुए अभूतपूर्व सुरक्षा संकट ने न केवल ज़ायोनी सेना को प्रभावित किया है बल्कि इस शासन की रक्षा, सैन्य और सुरक्षा क्षमताओं को भी प्रभावित किया है। साथ ही  प्रतिरोध धुरी की शक्ति दोगुनी हो गई है। इस समय गाज़ा से लेकर लेबनान तक मिसाइल परिक्षण, युद्धाभ्यास और सैन्य उपकरणों की प्रदर्शनियां आयोजित हो रही हैं।

पूरी दुनिया इस बात की साक्षी है कि हिज़बुल्लाह ने बहुत ही कम समय में अपनी सैन्य शक्ति इतनी ज़्यादा बढ़ा ली है कि दुनिया के बहुत सारे देशों की भी सैन्य ताक़त उसके स्तर की नहीं है। हालिया वर्षों में जिस तरह हिज़बुल्लाह ने अपने आधुनिक हथियारों की प्रदर्शनी की है उससे इस्लामी प्रतिरोध को बल मिला है। आज हिज़बुल्लाह के साथ-साथ अन्य प्रतिरोधक बलों ने भी अपनी सैन्य शक्ति को दोगुना किया है। जिन प्रतिरोधक बलों को इस्राईल किसी गिनती में नहीं लाता था आज वही प्रतिरोधक बल इस्राईल को उसके हर हमले का मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं। कल तक जो इस्राईल अरब देशों को युद्ध के मैदान में अपना प्रतिद्वंद्वी भी नहीं समझता था आज छोटे-छोटे प्रतिरोधक गुट उसको ललकार रहे हैं। उसकी खोखली ताक़त की पोल खोल रहे हैं। समाचार एजेंसी ईसना ने फ़िलिस्तीन के शहाब न्यूज़ का हवाला देते हुए अपनी रिपोर्ट में कहा है कि फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध जो कल तक गोलियों का जवाब पत्थर से देते थे आज उनकी सैन्य और मिसाइल क्षमता में इतनी ज़्यादा वृद्धि हो चुकी है कि वह आधुनिक मिसाइलों का परिक्षण कर रहे हैं। इसके अलावा ग़ाज़ा पर ज़ायोनी शासन के किसी भी संभावित हमले का जवाब देने की निरंतर तैयारी के अनुरूप, प्रतिरोध लगातार संघर्षकर्ता जियालों की संख्या बढ़ाने और अपनी सैन्य शक्ति को हर दिन मज़बूत करने के प्रयासों को जारी रखे हुए है। हाल ही में फ़िलिस्तीन के प्रतिरोधक बल ने इस्राईल के पाश्विक हमलों का जवाब देते हुए एक साथ 50 से अधिक मिसाइलों को दाग़ा था। प्रतिरोध की इस जवाबी कार्यवाही से न केवल इस्राईल पूरी तरह भौचक्का रह गया था बल्कि उसके आक़ाओं के भी पसीने छूटने लगे थे।

प्रतिरोधक बलों द्वारा फ़ायर किए गए मिसाइलों के बाद इस्राईली संचार माध्यमों ने इसपर हैरानी जताते हुए कहा कि ऐसे कैसे संभव है कि ज़ायोनी सैनिक लगातार प्रतिरोधक बलों के ख़िलाफ़ सैन्य कार्यवाहियां कर रहे है, गाज़ा की दशकों से घेराबंदी जारी है और ज़मीन से लेकर आसमान तक से प्रतिरोध से जुड़े हुए लोगों को टार्गेट किया जा रहा है, लेकिन उसके बावजूद भी आज फ़िलिस्तीन के प्रतिरोधक बल पहले से कहीं अधिक शक्तिशाली हो चुके हैं। ज़ायोनी मीडिया का कहना है कि जब इतना ज़्यादा कंट्रोल के बाद भी फ़िलिस्तीन के प्रतिरोधक बलों की सैन्य ताक़त इतनी ज़्यादा हो चुकी है तो फिर हिज़बुल्लाह की सैन्य शक्ति के बारे में अनुमान भी लगाना संभव नहीं है। वह हिज़बुल्लाह जिसने वर्ष 2006 में हुए 33 दिवसीय युद्ध में ही इस्राईल को लोहे के चने चबवा दिए थे। आज तो उसके पास जिस तरह के अत्याधुनिक हथियार और मिसाइलें मौजूद हैं उसको देखते हुए ऐसा लगता है कि ज़ायोनी शासन बारूद के ढेर पर आ चुका है। एक छोटी सी चिंगारी उसके नाम और निशान को भी पूरी तरह मिटा देगी। जिस तरह हिज़बुल्लाह ने हाल ही में दक्षिण लेबनान में सैन्य अभ्यास किया है और अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया है उससे यह पूरी तरह साफ़ हो जाता है कि अब पश्चिमी एशिया में अवैध तरीक़े से वजूद में लाए गए इस्राईल का अंत क़रीब है। (RZ)      

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