जॉर्डन के सांसदों ने की ज़ायोनी राजदूत को तुरंत देश से निकालने की मांग
जॉर्डन की संसद के 59 सदस्यों ने अलख़लील शहर में आतंकी इस्राईली सैनिकों द्वारा फ़िलिस्तीनी महिलाओं के कपड़े उतरवाने और उनका उत्पीड़न किए जाने पर कड़ी प्रतिक्रया देते हुए देश की सकार से मांग की है कि वह इस अमानवीय कृत्य के जवाब के जवाब में तुरंत ज़ायोनी शासन के राजदूत को देश से बाहर निकाले।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, मंगलवार 5 सितंबर को दो नक़ाबपोश ज़ायोनी शासन की आतंकी महिला सैनिक, कि जिनके साथ भारी हथियार और ख़ूंख़ार कुत्ते भी थे, उन्होंने अवैध अधिग्रहित वेस्ट बैंक के दक्षिण में स्थित अल-ख़लील शहर में पांच फ़िलिस्तीनी महिलाओं को इस बात के लिए मजबूर किया कि वह पूरी तरह अपने कपड़ों को उतारें और एक-एक करके सभी उनके सामने निर्वस्त्र होकर परेड करें। इस अमानवीय और इंसानियत को शर्मसार कर देने वाले घृणित कृत्य पर जहां सबसे पहले ईरान ने आवाज़ बुलंद की और कड़ी प्रतिक्रिया दी, वहीं अब जॉर्डन के 59 सांसदों ने भी अपने देश की सरकार से इस्राईली राजदूत को तुरंत निकालने की मांग की है। जॉर्डन संसद के प्रतिनिधियों ने यह भी ऐलान किया है कि फ़िलिस्तीनी महिलाओं और जॉर्डन की महिलाओं में कोई अंतर नहीं है, वे भी हमारे घर की इज़्ज़त हैं और हमारी रेड लाइन भी। हम उनका किसी भी प्रकार का अपमान स्वीकार नहीं करेंगे और हम उनकी रक्षा के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं।
इस बीच फ़िलिस्तीनी समूहों ने इस्राईल की महिला सैनिकों द्वारा अंजाम दिए गए अमानवीय कृत्य की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह की घटना को हम किसी भी स्थिति में सहन नहीं करेंगे। उन्होंने दोषी सैनिकों को तुरंत उनके किए की सज़ा दिए जाने की भी मांग की है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने एक आवासीय इमारत पर हमले के दौरान ज़ायोनी सैनिकों द्वारा पांच फ़िलिस्तीनी महिलाओं की जबरन तलाशी लेने की स्वतंत्र जांच का भी आह्वान किया। संयुक्त राष्ट्र के सहायक प्रवक्ता फरहान हक़ ने यह कहते हुए कि हम किसी भी प्रकार की सज़ा का समर्थन ज़रूर करेंगे, लेकिन इससे पहले इस घटना की गहन जांच की आवश्यकता है। (RZ)
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