इस्राईल पर फिर हुई रॉकेटों की बारिश, इस बार वजह है बहुत ख़ास
लेबनान के लोकप्रिय प्रतिरोध आंदोलन हिज़्बुल्लाह का कहना है कि उसने ज़ायोनी शासन के अपराधों का जवाब देते हुए आतंकी इस्राईली सेना के दो प्रमुख ठिकानों पर 62 रॉकेट दाग़े हैं।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, अवैध आतंकी इस्राईली शासन ने दो जनवरी 2024 को देर रात लेबनान की राजधानी बैरूत के दक्षिण के उपनगरीय क्षेत्रों पर हमल करके फ़िलिस्तीन के प्रतिरोध आंदोलन हमास के राजनीतिक कार्यालय के उप प्रमुख शेख़ सालेह अलआरूरी को शहीद कर दिया था। लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध संगठन हिज़्बुल्लाह ने हमास के राजनीतिक कार्यालय के उप प्रमुख शहीद सालेह अलआरूरी की हत्या में ज़ायोनी शासन के अपराध के ख़िलाफ़ अपनी प्रारंभिक प्रतिक्रिया में अपने बड़े अभियान की घोषणा की है। इसे पहले हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नस्रुल्लाह ने कहा था कि शेख अलआरूरी की हत्या एक ख़तरनाक अपराध है और वह निरुत्तर नहीं रहेगी और रणक्षेत्र इस बात को सिद्ध कर देगा। हिज़्बुल्लाह ने अवैध आतंकी इस्राईली सेना को निशाना बनाकर सालेह अलआरूरी की शहादत पर उन्हें ख़ास तोहफ़ा दिया है।
इस बीच हिज़्बुल्लाह ने आतंकी इस्राईली शासन को जवाब देने शुरू कर दिया है। हिज़्बुल्लाह की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सबसे पहले अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन के "अलजरमक़ पहाड़" पर स्थित "मैरून" एयर कंट्रोल बेस को निशाना बनाया गया है और यह अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन के सबसे ऊंचे पहाड़ में से एक है। यह सैन्य अड्डा अवैध आतंकी शासन का केंद्रीय वायु नियंत्रण एवं प्रबंधन केंद्र माना जाता है, इसका कारण यह भी है कि इसका कोई भी सार्थक विकल्प नहीं है। यह सैन्य अड्डा अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन क्षेत्रों में दो मुख्य ठिकानों में से एक है। उत्तर में मैरून बेस और अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन के दक्षिण में "मत्सबिया रामून" ज़ायोनी सरकार के 2 मुख्य अड्डे हैं। ज़ायोनी मीडिया ने इस कार्यवाही के बाद इस बात को स्वीकार किया है कि हिज़्बुल्लाह के हमले में आतंकी इस्राईली सेना को बड़ा नुक़सान पहुंचा है। (RZ)
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