इस्राईल और अमेरिका की उलटी गिनती शुरू, प्रतिरोध की जवाबी कार्यवाही में भारी तबाही
एक ओर अमेरिका दशकों से पश्चिमी एशिया, विशेषकर इस्लामी देशों के ख़िलाफ़ साज़िशें रच रहा है और आम लोगों का नरसंहार कर रहा है वहीं उसकी नजाएज़ औलाद इस्राईल भी सात दशक से पूरे क्षेत्र की अशांति और फ़िलिस्तीनियों की नरसंहार का मुख्य कारण बना हुआ है। इस बीच ईरान के नेतृत्व वाले प्रतिरोधक बलों ने इन अत्याचारियों को सबक़ सिखाना शुरू कर दिया है और अब विशेषज्ञ यह मानने लगे हैं कि पश्चिमी एशिया में अमेरिका और उसकी नजाएज़ औलाद इस्राईल के दिन पूरे हो चुके हैं।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, इराक़ से सामने आने वाले समाचारों के अनुसार, इराक़ी स्वयंसेवी बलों ने सीरिया में दो अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है। इराक़ के इस्लामिक प्रतिरोध आंदोलन ने दक्षिण-पूर्वी सीरिया में "अलतनफ़" और उत्तर-पश्चिमी सीरिया में "अलशद्दादी" में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर भीषण जवाबी हमला किया है। इराक़ के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन ने पहले ही अवैध आतंकी इस्राईली शासन द्वारा अमेरिका के समर्थन से ग़ज़्ज़ा में किए जाने वाले नरसंहार को लेकर चेतावनी दी है। इराक़ के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन का कहना है कि जब तक फ़िलिस्तीनियों का नसंहार जारी रहेगा और आतंकी इस्राईल अपने पाश्विक हमलों को नहीं रकेगा तब तक हम क्षेत्र में जहां कहीं भी अमेरिकी और ज़ायोनी सैन्य ठिकाने होंगे उन्हें निशाना बनाते रहेंगे। इस बीच अमेरिकी अधिकारियों ने भी यह बात स्वीकार की है कि पिछले 81 दिनों के दौरान पश्चिम एशिया में अमेरिकी गठबंधन के ठिकानों और हितों पर एक सौ पंद्रह बार हमले हुए हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक़, इराक़ में सैन्य प्रशिक्षण और परामर्श के बहाने 2,500 अमेरिकी सैनिक मौजूद हैं, जबकि 900 अमेरिकी सैनिक सीरिया के विभिन्न इलाक़ों में अमेरिकी सैन्य अड्डों पर तैनात हैं।
इस बीच फ़िलिस्तीन इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास की सैन्य शाखा क़स्साम ब्रिगेड ने पिछले 24 घंटों के दौरान अवैध आतंकी इस्राईली के ख़िलाफ़ जवाबी हमलों को तेज़ कर दिया है और ज़ायोनी सेना को भारी नुक़सान पहुंचाया है। क़स्साम ब्रिगेड ने पिछले चौबीस घंटों के दौरान आतंकी इस्राईली सेना पर किए गए जवाबी हमलों में हुई क्षति के बारे में बताते हुए कहा कि ज़ायोनी सेना के पंद्रह बख़्तरबंद वाहन पूरी तरह से या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि सात ज़ायोनी सैन्य अधिकारी और सैन्यकर्मी मारे गए हैं। आतंकी ज़ायोनी सैनिकों के बीच दस बम विस्फोट भी किए गए, जिनमें काफ़ी हताहत हुए हैं। इसी तरह क़स्साम ब्रिगे ने भी ज़ायोनी सैन्य ठिकानों पर मोर्टार गोले से हमला करके ज़ायोनी शासन के सैन्य उपकरणों को भारी नुक़सान पहुंचाया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, तीन क्षेत्रों में फ़िलिस्तीनी जियालों के साथ संघर्ष में आतंकी इस्राईली सेना को नुक़सान हुआ। ग़ज़्ज़ा युद्ध में नज़र रखने वाले जानकारों का मानना है कि जिस तरह प्रतिरोधक बल संघर्ष कर रहे हैं उसको देख कर लगने लगा है कि पश्चिमी एशिया में अमेरिका के अंतिम दिन चल रहे हैं। इस बात में भी कोई शक नहीं है कि क्षेत्र से अमेरिका की वापसी के साथ ही इस्राईल जैसे अवैध शासन का अंत भी सुनिश्चित हो जाएगा। (RZ)
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