ग़ज़्ज़ा में मिली 120 सामूहिक क़ब्रें, सामने आई रिपोर्ट ने इस्राईली आतंकवाद को किया बेनक़ाब
मानवाधिकारों के यूरोपीय पर्यवेक्षकों ने ग़ज़्ज़ा में 120 सामूहिक क़ब्रों का ख़ुलासा किया है। इस रिपोर्ट ने दुनिया के सामने इस्राईली आतंकवाद के असली चेहरे को बेनक़ाब कर दिया है।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, पश्चिमी एशिया का एक ऐसा शासन जो पूरी तरह अवैध है और इस पूरे क्षेत्र की अशांति और अस्थिरता के लिए पूरी तरह ज़िम्मेदार, लेकिन क्योंकि इस अवैध शासन को पश्चिमी एशिया में वजूद देने वाले अमेरिका और ब्रिटेन हैं इसलिए यह जो भी अत्याचार और अपराध करता है उसको नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है। हालिया दिनों में इस अवैध शासन द्वारा हज़ारों बेगुनाह फ़िलिस्तीनी बच्चों और महिलाओं का नरसंहार कर दिया गया लेकिन अमेरिका और ब्रिटेन समेत कुछ अन्य पश्चिमी देश इसका समर्थन करते हुए नज़र आ रहे हैं। इस बीच मानवाधिकारों के यूरोपीय पर्यवेक्षकों ने एक ऐसा ख़ुलासा किया है कि जिससे दुनिया में मौजूद हर न्यायप्रेमी के होश उड़ गए हैं। इस मानवाधिकार संगठन ने घोषणा की है कि ज़ायोनी सरकार की लगातार आक्रामकता और क़ब्रिस्तानों तक पहुंच की कमी के कारण ग़ज़्ज़ा के लोग शहीदों के शवों को सामूहिक क़ब्रों में दफ़नाने के लिए मजबूर हो गए हैं।
फ़िलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी घोषणा की है कि ग़ज़्ज़ा पर लगातार अवैध आतंकी इस्राईली शासन के पाश्विक हमलों के कारण शहीद और घायल फ़िलिस्तीनियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। फ़िलिस्तीन की समाचार एजेंसी समा ने यह भी बताया है कि पिछले 24 घंटों के दौरान ग़ाज़्ज़ा में ज़ायोनी सरकार के आक्रमण में दो सौ फ़िलिस्तीनी शहीद हो गए और तीन सौ सत्तर घायल हो गए, जबकि हज़ारों लोग अभी भी मलबे के नीचे दबे हुए हैं। ग़ज़्ज़ा में स्थिति यह है कि शवों को दफ़्न करने की जगह नहीं मिल रही है। वहीं इस्राईल ग़ज़्ज़ा वासियों की मदद करने वाले संयुक्त राष्ट्र संघ के कर्मचारियों को भी निशाना बना रहा है और आए दिन उन्हें भी हमला करके मौत के घाट उतार दे रहा है। कुछ घटनाएं तो ऐसी भी सामने आई हैं कि जहां शहीदों के शवों पर भी इस्राईल ने बमबारी करके उन्हें पूरी तरह छत-विछत कर दिया। (RZ)
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