अल-हौल कैंप से क्यों घबरा रहा है इराक,टाइम बम किसे मानते हैं इराक़ी अधिकारी
(last modified Fri, 09 Feb 2024 08:16:21 GMT )
Feb ०९, २०२४ १३:४६ Asia/Kolkata

अंकारा अधिकारियों के साथ कई बार के परामर्शों के बावजूद इराक़ और तुर्किए के मतभेद यथावत चल रहे हैं और बग़दाद के अधिकारियों ने हाल ही में इस पड़ोसी देश के सामने अपनी नई मांगें पेश की हैं।

इराक के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार क़ासिम अल-आरजी ने राजधानी बग़दाद में तुर्किण के रक्षामंत्री याशर गुलेर से मुलाक़ात में इस बात पर ज़ोर दिया कि अल-हौल रिफ़्यूजी कैंप, क्षेत्र के लिए एक वास्तविक खतरा है और इसे जल्द से जल्द बंद किया जाना चाहिए।

उनका कहना था कि सुरक्षा का यह मुद्दा उस समय और भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि जब यह अन्य सभी मामलों को प्रभावित करता है।

इस बात को बयान करने की ज़रूरत नहीं है कि अल-हौल शरणार्थी कैंप उत्तरी सीरिया के हस्का प्रांत में एक तम्बू वाला शरणार्थी शिविर है जहां दाइश के तकफ़ीरी आतंकवादियों के शरणार्थियों और रिश्तेदारों को रखा जाता है।

अल-हौल शिविर, सीरिया और इराक में आईएसआईएस आतंकी ग्रुप की महिलाओं, बच्चों और पुरुषों का सबसे बड़ा शिविर है। यह कैंप सीरिया-इराक सीमा के पास, उत्तरी सीरिया में अल-हौल शहर के दक्षिणी इलाक़े में स्थित है।

ज़ाहिर सी बात है कि इस शिविर का उपयोग आईएसआईएस आतंकवादी गुट के हार चुके सदस्यों के पुनर्वास के लिए एक स्थान के रूप में किया जाता है। यह कैंप अमेरिका और सीरिया के धोखा खाए तत्वों द्वारा चलाया जाता है और कहा जाता है कि इस कैंप में तुर्किए का काफ़ी प्रभाव है।

वहीं, बग़दाद के अधिकारी अल-हौल कैंप में रहने वालों की तुलना टाइम बम से करते हैं और मानते हैं कि यह बम किसी भी समय फट सकता है।

यही कारण है कि बग़दाद अधिकारी इसके नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए दाइश के इराक़ी सदस्यों के देश में वापसी को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। वैसे भी बग़दाद के लिए अल-हौल शिविर का बंद होना महत्वपूर्ण है।

हालांकि अल-हौल शिविर के बंद होने से पश्चिम एशिया और मध्य एशिया के देशों को अस्थिर करने के अमेरिकी लक्ष्यों को मदद मिल सकती है लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि मौजूदा स्थिति में इस शिविर के बंद होने से इराक़ और सीरिया की सुरक्षा का रास्ता खुल सकता है।

इस संबंध में एक टीकाकार बरकात क़ार का कहना है कि तुर्किए, इराक़ से सहमति के बजाय ज़ोर ज़बरदस्ती से बातचीत करता है जिससे वार्ता विफल हो गई है। इसके साथ इराक़ में तुर्किए की सैन्य उपस्थिति और तुर्किए को इराक़ी तेल निर्यात के रास्ते में आने वाली समस्याएं जैसी समस्याओं का भी सामना है। (AK)

 

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