दो कौड़ी की भी अहमियत नहीं है ज़ायोनी अधिकारियों की मुसलमानों के बीच
(last modified Thu, 29 Feb 2024 10:04:11 GMT )
Feb २९, २०२४ १५:३४ Asia/Kolkata
  • दो कौड़ी की भी अहमियत नहीं है ज़ायोनी अधिकारियों की मुसलमानों के बीच

ज़ायोनी अधिकारियों के अत्याचारों और झूठ से उसके समर्थक देशों में भी विरोध की आवाज़ें उठने लगी हैं।

अमरीकी प्रतिनिधिसभा की डेमोक्रेट सदस्या ने नेतनयाहू को झूठा आदमी बताया है। 

अलजज़ीरा टीवी चैनेल के अनुसार मैडलिन डेन ने कहा है कि ग़ज़्ज़ा पर इस्राईल का हमला उससे कहीं अधिक व्यापक है जितना संचार माध्यमों में दर्शाया जा रहा है। 

हाल ही में अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन की यात्रा करने वाली इस सीनेटर ने ग़ज़्ज़ा में इस्राईल के हाथों किये जा रहे जनसंहार की कड़ी निंदा की।  उन्होंने कहा कि नेतनयाहू, एक झूठा व्यक्ति है जो वचनों का पाबंद नहीं है।  वैसे तो अवैध ज़ायोनी शासन के अधिकारी आरंभ से ही मुसलमानों के बीच अविश्वसनीय रहे हैं किंतु ग़ज़्ज़ा पर हमले के बाद अब मुसलमानों के बीच ज़ायोनी अधिकारियों की दो कौड़ी की भी अहमियत नहीं है। 

उधर अमरीका, अवैध ज़ायोनी शासन का सबसे बड़ा समर्थक है जो इस शासन को अपनी मर्जी का काम करने के लिए वीटो का सहारा लेता है।  उसने अभी हाल में ही ग़ज़्ज़ा में संघर्ष विराम को लेकर पेश किये गए प्रस्ताव को वीटो कर दिया।  अमरीका के भीतर वहां के लोगों में ग़ज़्ज़ा की स्थति को लेकर बहुत अधिक आक्रोश पाया जाता है। 

अभी कुछ दिन पहले अमरीकी वायुसेना के एक सैनिक एरोन बशनेल ने ग़ज़्ज़ा युद्ध का विरोध करते हुए वाशिग्टन में इस्राईल के दूतावास के सामने आत्मदाह कर लिया।  स्वयं को आग लगाते समय यह अमरीकी सैनिक नारे लगा रहा था, फ़िलिस्तीन को आज़ाद करो और ग़ज़्ज़ा युद्ध को रोको। 

टैग्स