Sep ०५, २०२४ १४:४९ Asia/Kolkata
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    इस्राईल के \"अल-आसी\" डिफ़ेंस सिस्टम की तबाही से लेकर घायल ज़ायोनियों की संख्या 10 हज़ार से अधिक लोगों तक पहुंचना/ फ़िलिस्तीन के ताज़ा हालात

पार्सटुडे - हिज़्बुल्लाह द्वारा "अल-आसी" डिफ़ेंस सिस्टम की तबाही, ग़ज़ा युद्ध में घायल ज़ायोनी सैनिकों की संख्या में वृद्धि, तेल अवीव में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष में तेज़ी और नेतन्याहू द्वारा युद्धविराम में पैदा की जाने वाली रुकावटों की लगातार आलोचनाएं, हालिया दिनों में फ़िलिस्तीन के कुछ ताज़ा घटनाक्रमों का हिस्सा हैं।

लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़बुल्लाह ने मक़बूज़ा क्षेत्रों के उत्तर में उचित हथियारों से ज़ायोनी सेना के चार ख़ुफ़िया-जासूसी ठिकानों को निशाना बनाने की सूचना दी है।

पार्सटुडे के अनुसार, लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़्बुल्लाह ने ग़ज़ा पट्टी में फ़िलिस्तीनी जनता और उनके साहसी प्रतिरोध के समर्थन में, उचित हथियारों से "अल-आसी" बेस के तकनीकी सिस्टम्स को निशाना बनाया और इस हमले की वजह से बेस के उपकरण तबाह व बर्बाद हो गए।

अल-आसी बेस, मक़बूज़ा फ़िलिस्तीन के उत्तर में इस्राईल के स्ट्राटैजिक और महत्वपूर्ण सीमावर्ती अड्डों में है जो "मिस अल-जबल" शहर के सामने, "अल-बग़दादी" और "बयाज़ बलीदा" नामक दो छावनियों के बीच में है। यह वह जगह है जहां से मिस अल-जबल बस्ती पर अतिग्रहणकारी सेना के अधिकांश तोपख़ाने के हमले, वहां तैनात सैनिकों और एजेन्टों द्वारा लक्ष्यों की निगरानी के ज़रिए से किए जाते हैं।

एक अन्य ऑप्रेशन में, हिज़्बुल्लाह ने उचित हथियारों से "कफ़र शूबा" की मक़बूज़ा पहाड़ियों पर स्थित "अल-समाका" बेस में ज़ायोनी सैनिकों के जमा होने के स्थान पर सीधे गोलीबारी की।

लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध ने मक़बूज़ा शबआ फ़ार्म्ज़ में अल-रदार बेस पर मोर्टार हमला भी किया। ज़ायोनी सैनिकों के ख़िलाफ मैदाने जंग में प्रतिरोधकर्ताओं की अच्छी पोज़ीशन के बाद, एक इस्राईली मीडिया ने मंगलवार रात बताया कि 7 अक्टूबर, 2023 को युद्ध की शुरुआत के बाद से, इस्राईल के 10,400 सैनिक घायल हो चुके हैं।

ग़ज़ा पट्टी का युद्ध अपने 11वें महीने में दाख़िल हो चुका है जबकि कई ज़ायोनी मीडिया ने अपने हताहतों की सूचना में इस्राईली सेना की गंभीर सेंसरशिप की ओर इशारा किया है। यह कार्रवाई ग़ज़ा पट्टी के ख़िलाफ़ युद्ध में ज़ायोनी सैनिकों की बड़ी संख्या में हताहत होने और मक़बूज़ा क्षेत्रों में कड़ी आंतरिक प्रतिक्रियाओं की आशंका की वजह से हुई है।

ग़ज़ा में ज़ायोनियों के अपराधों के जारी रहने और युद्ध के प्रबंधन में नेतन्याहू के मंत्रिमंडल की हताशा को कई प्रकार की आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।

इस दौरान, सोमवार और मंगलवार की रात को, हज़ारों ज़ायोनियों ने बेन्यामीन नेतन्याहू के ख़िलाफ विरोध प्रदर्शन किया और तेल अवीव, मक़बूज़ा बैतुल मुक़द्दस, बेरे सबआ और अन्य मक़बूज़ा फ़िलिस्तीनी शहरों में हमास के साथ एक समझौते की मांग की।

हमास के साथ क़ैदियों के आदान प्रदान के समझौते पर तुरंत हस्ताक्षर करने के लिए कैबिनेट पर दबाव बनाने के लिए आयोजित इस प्रदर्शन के दौरान पुलिस से तेज़ झड़पें हुईं जिसके दौरान कई प्रदर्शनकारी बुरी तरह से घायल हो गये।

मक़बूज़ा फ़िलिस्तीन के विभिन्न शहरों में सरकार विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं जबकि हमास आंदोलन की सैन्य शाखा इज़्ज़ुद्दीन अल-क़स्साम ब्रिगेड ने 6 ज़ायोनी क़ैदियों में से दो का रिकॉर्ड किया गया वीडियो जारी किया, जिनके शव हाल ही में गाजा पट्टी में पाए गए थे। इस वीडियो संदेश में इस्राईल के प्रधानमंत्री द्वारा उनकी रिहाई की अनदेखी किए जाने का विरोध जताया गया है।

ज़ायोनी बंदी आवरी डैनिनो ने इस वीडियो में कहा, जो उसके मारे जाने से पहले ग़ज़ा पट्टी में रिकॉर्ड की गयी थी, बेन्यामीन नेतन्याहू की कैबिनेट और उनकी युद्ध कैबिनेट 7 अक्टूबर को हार गई। वे हम सेटेलर्ज़ की रक्षा करने के अपने मिशन में विफल रहे और आज एक के बाद एक हमें बचाने के असफल उपायों के बाद हमें मारना चाहते हैं।

इस ज़ायोनी क़ैदी ने नेतन्याहू और उनके मंत्रिमंडल के साथ इस्राईली सेना को संबोधित करते हुए कहा: जब हम पर हमला हुआ तो आप लोग कहां थे? जब हम नहीं जानते थे कि कहां भागना है तो आप कहां थे? जब हम अकेले थे आप लोग कहां थे?

आख़िर में, वह अपने परिवार और मक़बूज़ा क्षेत्रों के निवासियों से क़ैदियों की रिहाई के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं, करने की अपील करता है।

हमास आंदोलन के एक सीनियर नेता ओसामा हमदान ने भी मंगलवार रात को इस बारे में चेतावनी दी थी कि ग़ज़ा में इस्राईली सेना का आप्रेशन जारी रहना, इस्राईली कैदियों की वापसी के बजाय उनकी मौत का कारण बनेगा।

श्री ओसामा हमदान ने कहा: इस्राईली क़ैदी या तो इस्राईली सेना की बमबारी में मारे गए या इस्राईली सैनिकों की गोलीबारी में या प्रतिरोध बलों के साथ झड़पों में मारे गए।

हमास के इस अधिकारी ने कहा: समीकरण स्पष्ट है, और वह यह है कि इस्राईली क़ैदियों की वापसी तब पूरी होगी जब ग़ज़ा में युद्ध बंद और इस्राईली सेना की पूर्ण वापसी होगी।

हमास के इस अधिकारी का बयान नेतन्याहू द्वारा फ़िलाडेल्फिया कोरीडोर से वापसी को खारिज करने के बाद आया है।

ग़ज़ा पट्टी में फिलिस्तीनी प्रतिरोध ने 7 अक्टूबर को एक आश्चर्यजनक ऑपरेशन में ग़ज़ा पट्टी से सटी ज़ायोनी बस्तियों में प्रवेश किया और लगभग 250 ज़ायोनियों को बंदी बना लिया।

इनमें से कुछ क़ैदियों को इंसानी बुनियाद पर रिहा कर दिया गया। उनमें से अन्य को ज़ायोनी शासन और हमास के बीच क़ैदियों के आदान प्रदान के समझौते के दौरान रिहा किया गया था।

हालांकि, अतिग्रहणकारी ज़ायोनी शासन के चरमपंथी कैबिनेट की लापरवाही और ग़ज़ा पट्टी पर क्रूर हमलों के जारी रहने की वजह से इन क़ैदियों में से कई मारे जा चुके हैं।

 

कीवर्ड्ज़: प्रतिरोध के मोर्चे की जीत, ज़ायोनी शासन की हार, ग़ज़ा युद्ध, हिज़्बुल्लाह (AK)

 

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