मैक्रॉनः नेतन्याहू को यह नहीं भूलना चाहिए कि इस्राईल की स्थापना, संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के आधार पर हुई थी
(last modified 2024-10-18T11:10:16+00:00 )
Oct १८, २०२४ १६:४० Asia/Kolkata
  • मैक्रॉनः नेतन्याहू को यह नहीं भूलना चाहिए कि इस्राईल की स्थापना, संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के आधार पर हुई थी

लेबनान में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना पर ज़ायोनी सेना के हमलों की आलोचना करते हुए फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने कहा है कि नेतनयाहू को यह नहीं भूलना चाहिए कि इज़राइल का गठन संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव द्वारा किया गया था।

फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रॉन ने मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में कहाः बेंजामिन नेतनयाहू को यह नहीं भूलना चाहिए कि पहले चरण में इज़राइल का गठन संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव से किया गया था, इसलिए यह समय उसके निर्णयों को नज़रअंदाज करने का नहीं है। नवंबर 1947 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में फ़िलिस्तीन को यहूदी और फ़िलिस्तीनी दो राज्यों में विभाजित करने की योजना का एक प्रस्ताव पारित किया गया था। इसी प्रस्ताव के आधार पर अवैध इज़राइली शासन की स्थापना की गई थी।

सोमवार को, फ्रांसीसी रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकॉर्नेउ ने कहा था कि संयुक्त राष्ट्र और उसके प्रस्तावों के प्रति इज़राइल के सम्मान में कमी एक बड़ी समस्या है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि यह संयुक्त राष्ट्र का प्रस्ताव ही था, जिसने पहले चरण में इज़राइल का निर्माण किया था।

लेबनान पर इज़राइली हमले के बाद से फ़्रांस और इज़राइल के बीच तनाव बढ़ गया है। इस संदर्भ में पैलिटिको का कहना है कि लेबनान पर ज़ायोनी शासन के हमले के बाद, पश्चिम एशिया में संघर्ष तेज़ होने और इस संघर्ष को पूर्ण युद्ध में बदलने के फ्रांस के डर के कारण, मैक्रॉन और नेतन्याहू के बीच संबंध तनावपूर्ण हुए हैं।

इस दौरान, ज़ायोनी शासन के ख़िलाफ़ हथियारों का प्रतिबंध लागू करने के फ्रांसीसी राष्ट्रपति के आहवान के बाद, पेरिस ने फ्रांस में आयोजित होने वाली रक्षा उद्योगों की प्रदर्शनी में भाग लेने के लिए इज़राइली कंपनियों को अनुमति देने से इनकार कर दिया है।

प्रमुख फ्रांसीसी राजनीतिक हस्तियों और कार्यकर्ताओं सहित फ़िलिस्तीनी समर्थकों ने भी ग़ज़ा और लेबनान में इज़राइल के अपराधों के विरोध में कल मंगलवार को पेरिस के रिपब्लिक स्क्वायर पर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों ने ग़ज़ा पट्टी और लेबनान पर इज़राइली हमलों को रोकने की मांग की और फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध ज़िंदाबाद के नारे लगाए।

प्रदर्शनकारियों ने फ़िलिस्तीनी और लेबनानी झंडे उठा रखे थे और ऐसे बैनर हाथों में ले रखे थे, जिन पर हुआ थाः फ़िलिस्तीनी राजनीतिक क़ैदियों को रिहा करो।

इससे पहले शुक्रवार को, फ्रांसीसी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा था की कि इज़राइली सैनिकों द्वारा दक्षिणी लेबनान में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के तीन ठिकानों पर गोलीबारी के बाद, पेरिस में इज़राइली राजदूत को तलब किया गया है।

फ्रांसीसी विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया हैः यह हमले अंतरराष्ट्रीय क़ानून का ख़तरनाक उल्लंघन हैं और इन्हें जल्द से जल्द रोका जाना चाहिए। msm

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