Apr २३, २०१७ १७:२२ Asia/Kolkata
  • जब नुस्रा फ़्रंट के सरग़ना ने इसाई धर्म स्वीकार कर लिया + फ़ोटो

आतंकवादी गुट नुस्रा फ़्रंट के धार्मिक मामलों के न्यायाधीश और अलक़ायदा संगठन की सर्वेच्च परिषद के सदस्य हस्सान अबू हमज़ा के इसाई धर्म स्वीकार किए जाने से संबंधित फ़ोटो के सोशल मीडिया पर वायरल से काफ़ी हंगामा मचा हुआ है।

इन्टरनेट पर जारी एक वीडियो में नुस्रा फ़्रंट का वरिष्ठ सदस्य बताता है कि उसका नाम हस्सान अलहुसैन है और वह रक़्क़ा शहर का रहने वाला है। वह कहता है कि सीरिया की सोशलिस्ट एकतावाद पार्टी के संस्थापक उसके निकटवर्ती रहे हैं। उसके बाद हस्सान कहता है कि वर्ष 2003 में वह अलक़ायदा से जुड़ा और इस गुट के साथ मिलकर इराक़ी और सीरियाई सेना के विरुद्ध युद्ध किया और इसके बाद कि वह अपनी पूरी उम्र इसाईयों को आतंकवादी समझता रहा, धीरे धीरे ईसाई धर्म की ओर उसका रुझहान बढ़ने लगा।

वह इस बात की ओर संकेत करते हुए कि इससे पहले तक उसका यह मानना था कि ईसाई धर्म अमरीका और उसके घटकों की ओर से पूरी दुनिया में जनसंहार, हमले और तबाही की पुष्टि करता है, कहता है कि मैं सोचता था कि अमरीका की कार्यवाही हज़रत ईसा मसीह की शिक्षाओं को व्यवहारिक बनाना है क्योंकि मैंने कभी ईश्वरीय पुस्तक इंजील नहीं पढ़ी थी।

हस्सान ने बपतिस्मा कार्यक्रम में अपने लिए पोलिस नाम का चयन किया, उनके साथ मिस्र के मनिया विश्वविद्यालय के अरब शोध संकाय के पूर्व प्रमुख डाक्टर मुहम्मद रहूमा दिख रहे थे जिन्होंने कुछ वर्ष पहले इसाई धर्म स्वीकार करने के दावे के साथ पश्चिम में शरण ले लिया था। ईसाईयत में, बपतिस्मा "डुबोना", "प्रक्षालन करना", अर्थात् "धार्मिक स्नान, जल के प्रयोग के साथ किया जाने वाला एक धार्मिक कृत्य है, जिसके द्वारा किसी व्यक्ति को चर्च की सदस्यता प्रदान की जाती है।

हस्सान के इसाई धर्म स्वीकार करने से संबंधित वीडियो के सोशल मीडिया पर जारी होने से काफ़ी हंगामा मचा हुआ है क्योंकि वह नुस्रा फ़्रंट का पूर्व सरग़ना था। (AK)

 

टैग्स