ग़ज़्ज़ा में बिजली संकट, मरीज़ों की जान ख़तरे में
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19 अप्रैल 2017 की इस तस्वीर में दक्षिणी ग़ज़्ज़ा के ख़ान यूनुस शरणार्थी कैंप में एक बच्चा शमा की रौशनी में पढ़ता हुआ
नाकाबंदी से घिरे ग़ज़्ज़ा में बिजली की कमी के कारण अस्पताल में काम काज बाधित होने से मरीज़ों की जान ख़तरे में पड़ गयी है।
पिछले हफ़्ते स्वशासित फ़िलिस्तीन प्रशासन ने कहा था कि अबसे ग़ज़्ज़ा के लिए इस्राईल की ओर से बिजली की जो आपूर्ति होगी उसकी क़ीमत अदा नहीं करनी होगी। स्वशासित फ़िलिस्तीनी प्रशासन के इस एलान के बाद ग़ज़्ज़ा के एकमात्र बिजली केन्द्र की भी बिजली कट गयी।
बुधवार को संवाददाता के अनुसार, ग़ज़्ज़ा का एकमात्र बिजली केन्द्र भी ईंधन न होने के कारण बंद हो गया है। संयुक्त राष्ट्र संघ के इस वादे के बावजूद कि वह ग़ज़्ज़ा में अभूतपूर्व ऊर्जा संकट को दूर करने में मदद करेगा, ग़ज़्ज़ा के पूरी तरह अंधकार में डूबने की संभावना है।
ग़ज़्ज़ा के अन्नासिर अस्पताल के आईसीयू विभाग के डॉक्टर राएद महदी ने इस अस्पताल के जवान मरीज़ों की स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि उनकी देखरेख में मौजूद एक मरीज़ वेन्टिलेटर पर है जो सिर्फ़ बिजली से चलता है।
ग़ौरतलब है कि इस्राईल ने पिछले 10 साल से ग़ज़्ज़ा की नाकाबंदी कर रखी है जिसके कारण ईंधन, दवा और बिल्डिंग मटीरियल जैसी मूल भूत वस्तुएं भी ग़ज़्ज़ा नहीं पहुंच पा रही हैं। (MAQ/N)