औपचारिक त्यागपत्र के लिए हरीरी की लेबनान वापसी ज़रूरीः टिलरसन
अमरीका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने कहा है कि औपचारिक रूप से पद छोड़ने के लिए ज़रूरी है कि सअद हरीरी लेबनान वापस जाएं।
टिलरसन का यह बयान एसी स्थिति मे आया है कि जब यह सूचनाएं आ रही हैं कि सऊदी अरब की सरकार ने सअद हरीरी को सअद हरीरी को लेबनान के प्रधानमंत्री पद से त्यागपत्र देने पर मजबूर कर दिया और उसके बाद उन्हें भी अन्य राजकुमारों और अधिकारियों के साथ गिरफ़तार कर लिया है।
टिलरसन ने कहा कि जहां तक मैं समझता हूं यदि सअद हरीरी को पद छोड़ना है तो पहले वह लेबनान जाएं ताकि उनका त्यागपत्र औपचारिक हो सके।
लेबनान के प्रभावशाली हिज़्बुल्लाह आंदोलन के प्रमुख सैयद हसन नसरुल्लाह ने भी अपने भाषण में स्पष्ट रूप से कहा कि सअद हरीरी को नज़रबंद करके सऊदी अरब ने लेबनान के विरुद्ध युद्ध की घोषणा कर दी है।
दो अमरीकी अधिकारियों ने भी रोयटर्ज़ समाचार एजेसीं को बताया कि सऊदी अधिकारियों ने हरीरी को त्यागपत्र देने के लिए उकसाया।
ब्रिटेन के प्रख्यात पत्रकार राबर्ट फ़िस्क ने भी अपने एक लेख में लिखा कि उनके पास ठोस जानकारी है कि त्यागपत्र का मामला वह नहीं है जो दिखाई दे रहा है और त्यागपत्र में जो बातें सअद हरीरी ने कही हैं वह उनकी बातचीत की शैली से मेल नहीं खातीं।
फ़िस्क ने लिखा कि सअद हरीरी मंत्रिमंडल की बैठक में थे कि उन्हें फ़ोन पर बताया गया कि सऊदी नरेश सलमान बिन अब्दुल अज़ीज़ उनसे मिलना चाहते हैं हालांकि कुछ ही दिन पहले दोनों की मुलाक़ात हो चुकी थी। सअद हरीरी को अपने अंजाम की कोई ख़बर नहीं थी और वह रियाज़ पहुंच गए जहां सऊदी पुलिसकर्मियों ने उन्हें घेर लिया और उनसे उनके मोबाइल फ़ोन ले लिए गए तथा हरीरी की अंग रक्षकों को दूर हटा दिया गया। फ़िस्क का कहना है कि सअद हरीरी ने जो त्यागपत्र पढ़ा उसकी बहुत से बातें वही थीं जो कुछ ही दिन पहले सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान ने अपने भाषण में कही थी तथा अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने ईरान और हिज़्बुल्लाह के ख़िलाफ़ जो बयानबाज़ी की थी उसकी झलक भी त्यागपत्र में साफ़ देखी जा सकती थी।