यमन, यूएई के अपराधों की शिकायत
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मानवाधिकार की एक संस्था ने फौजदारी की अंतर्राष्ट्रीय अदालत से मांग की है कि वह यमन में संयुक्त अरब इमारात के युद्ध अपराधों की समीक्षा करे।
(last modified 2023-11-29T09:15:15+00:00 )
Nov २८, २०१७ १५:०० Asia/Kolkata

मानवाधिकार की एक संस्था ने फौजदारी की अंतर्राष्ट्रीय अदालत से मांग की है कि वह यमन में संयुक्त अरब इमारात के युद्ध अपराधों की समीक्षा करे।

ब्रिटेन स्थित अरब मानवाधिकार संगठन एओएचआर के वकील जोज़फ़ बरहाम ने फ़्रांस प्रेस से बात करते हुए कहा कि इस संस्था ने संयुक्त अरब इमारात पर कि वह यमनी जनता के विरुद्ध युद्ध में सऊदी अरब के नेतृत्व में वाले अरब गठबंधन का सदस्य है, यमनी जनता के विरुद्ध बिना रोकटोक हमले का आरोप लगाया है।

सऊदी अरब की भांति संयुक्त अरब इमारात ने भी बड़ी संख्या में किराए पर टट्टुओं को यमन युद्ध की आग में झोंकने के लिए लिया। संयुक्त अरब इमारात इन लोगों से जासूसी भी करवाता और उनको युद्ध के लिए प्रयोग भी करता है। इस संबंध में एंटीलीजेंस आॅन लाइन पत्रिका ने जो दुनिया में गुप्तचर संस्थाओं से संबंधित सूचनाओं को प्रकाशित करती है, रहस्योद्धाटन किया है कि अमरीका की कुख्यात सुरक्षा कंपनी ब्लैक वाॅटर के संस्थापक एरिक प्रिंस, लीबिया और यमन सहित कुछ देशों में संयुक्त अरब इमारात के हस्तक्षेपपूर्ण अभियान में पूर्णरूप से भागीदार रहा है। 

एरिक प्रिंस ने कुख्यात ब्लैक वाॅटर कंपनी की पूरी दुनिया में बदनामी के बाद कंपनी बंद कर दी और उसने तथाकथित सुरक्षा की कई अन्य कंपनियां खोल लीं।

बहरहाल संयुक्त अरब इमारात और सऊदी अरब सहित यमन पर हमला करने वाले गठबंधन के सभी सदस्य यमन में हो रहे अपराध में बराबर के भागीदार हैं और इसके बारे  में यमनी अधिकारियों ने पहले ही बताया था और अब संयुक्त राष्ट्र संघ के अधिकारियों के विभिन्न बयानों में इसकी पुष्टि भी होती है कि यमन में अधिकतर स्कूल और अस्पताल हवाई हमलों में तबाह हो गये हैं जबकि बच्चों की बड़ी संख्या भी मारी गयी है। (AK)