ज़ायोनी शासन यूनेस्को से निकल गया
संयुक्त राष्ट्र की सांस्कृतिक एवं शैक्षिक संस्था यूनेस्को की प्रमुख ने शुक्रवार को बताया कि इस्राईल ने इस संस्था से निकलने की आधिकारिक अपील की है।
हमारे संवाददाता की रिपोर्ट के अनुसार यूनेस्को की प्रमुख ऑद्रे ऑजुले ने एक बयान जारी कर बताया कि इजरायल ने शुक्रवार को इस बारे में आधिकारिक तौर से सूचना दी है और वह 31 दिसंबर, 2018 को यह संगठन छोड़ देगा।
दो महीने पहले ज़ायोनी शासन ने घोषणा की थी कि वह इस मामले में अमेरिका का अनुसरण करेगा। ज़ायोनी शासन के प्रधानमंत्री बिनयामीन नितिनयाहू ने 12 अक्तूबर को अमरीका के यूनेस्को से निकलने की घोषणा के बाद कहा था कि इस्राईल भी यूनेस्को की सदस्यता से निकलने की तैयार कर रहा है।
12 अक्तूबर को यूनेस्को से निकलने की घोषणा के बाद अमरीका ने यूनेस्को पर इस्राईल विरोधी पूर्वाग्रह से ग्रसित होने का आरोप लगाया था।
ज़ायोनी प्रधानमंत्री ने एक बयान में यूनेस्को से अमरीका के निकलने को साहसिक क़दम क़रार दिया था। यूनेस्को ने चार जून मंगलवार को एक प्रस्ताव में बल दिया था कि इस्राईल का बैतुल मुक़द्दस पर कोई अधिकार नहीं है। बैतुल मुक़द्दस वर्ष 1967 से इस्राईल के अतिग्रहण में है।
यूनेस्को ने इसी प्रकार 2 मई को भी एक प्रस्ताव पारित करके ज़ायोनीर शासन पर ग़ज़्ज़ा पट्टी और बैतुल मुक़द्दस में अंतर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए निंदा की थी और ज़ायोनी शासन को अतिग्रहणकारी बताया था। (AK)