अमरीका से फिलिस्तीनी राजदूत का निष्कासन, इस्राईल के समर्थन में अमरीका का एक और कृत्य
(last modified Mon, 17 Sep 2018 14:15:44 GMT )
Sep १७, २०१८ १९:४५ Asia/Kolkata

अमरीका की ओर से इस्राईल के समर्थन की प्रक्रिया, वाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रम्प के प्रवेश के बाद नये चरण में प्रविष्ट हो गयी है।

अमरीका ने फिलिस्तीनी शरणार्थियों की मदद करने वाली संस्था की आर्थिक मदद बंद करने के बाद अब फिलिस्तीन के राजदूत को अमरीका से निकाल दिया है हालांकि उनके पास अभी सन 2020 तक अमरीका का वीज़ा था। इसके साथ ही अमरीकी सरकार ने फिलिस्तीनी राजदूत और उनकी परिजनों के बैंक एकाउंट भी बंद कर दिये हैं। वास्तव में अमरीका के इस प्रकार के सभी क़दम, फिलिस्तीनियों पर वार्ता के लिए दबाव बनाने के लिए हैं। अमरीकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॅान बोल्टन ने खुल कर कहा है कि जब तक फिलिस्तीनी इस्राईल के साथ वार्ता पर तैयार न हो जाएं, अमरीका में पीएलओ का कार्यालय बंद रहेगा जिस पर प्रतिक्रिया प्रकट करते हुए फिलिस्तीनी विदेशमंत्री  रियाज़ मालेकी ने कहा कि इस से एक बार फिर यह साबित हो गया कि अमरीका पूरी दुनिया में इस्राईल का प्नतिनिधि और उसके ही हितों का रक्षक है। इस से पहले ट्रम्प सरकार , बैतुल मुक़द्दस को इस्राईल की राजधानी के रूप में स्वीकार करके अंतरराष्ट्रीय नियमों का खुला उल्लंघन कर चुकी है। गज़्ज़ा में वापसी के अधिकार के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले फिलिस्तीनियों की इस्राईली सैनिकों द्वारा हत्या को वाशिंग्टन , आत्मरक्षा में उठाया गया क़दम कहता है जबकि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थाओं ने इस्राईली सैनिकों की कार्यवाहियों को युद्ध अपराध कहा है। इन हलात में यह भी एक ठोस सच्चाई है कि अमरीका की ओर से इ्स्राईल के व्यापक समर्थन के बावजूद पूरी दुनिया में इस्राईली सरकार  से घृणा बढ़ रही है और विश्व भर में इस शासन की कार्यवाही की आलोचना में तेज़ी और फिलिस्तीनियों के समर्थन में  व्यापकता आ रही है।(Q.A.)

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