सैयद हसन नसरुल्लाहः श्रीलंका के धमाके हृदय विदारक, फ़िलिस्तीनियों पर कोई ताक़त अपनी मर्ज़ी नहीं थोप सकती, सऊदी अरब और इमारात की नीतियां निंदनीय
लेबनान के हिज़्बुल्लाह आंदोलन के प्रमुख सैयद हसन नसरुल्लाह ने श्रीलंका में होने वाले बम धमाकों की कड़े शब्दों में निदां की और साथ ही क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर अपने विचार रखे।
सोमवार की रात एक समारोह को संबोधित करते हुए सैयद हसन नसरुल्लाह ने कहा कि श्रीलंका में किए जाने वाले हमले अमानवीय हैं, आतंकवाद का पूरी तरह मुक़ाबला करना चाहिए और जो लोग इसका समर्थन करते हैं उनका भी समूल सफ़ाया किया जाना ज़रूरी है।
सैयद हसन नसरुल्लाह ने फ़िलिस्तीन मुद्दे का उल्लेख करते हुए कहा कि पूरी दुनिया की दुष्ट ताक़तें मिलकर भी अपनी मर्ज़ी फ़िलिस्तीनियों पर उस समय तक नहीं थोप सकतीं जब तक फ़िलिस्तीनी जनता में आशा की भावना मौजूद रहेगी। उन्होंने कहा कि बड़े मुक़ाबले के लिए ताक़त का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत आशा है। सैयद हसन नसरुल्लाह ने डील आफ़ सेंचुरी के नाम से फ़िलिस्तीन के ख़िलाफ़ रची गई साज़िश के बारे में कहा कि इसमें सऊदी अरब और इमारात की केन्द्रीय भूमिका है।
कुवैत के अख़बार में अपने हवाले से छपी ख़बर का खंडन करते हुए सैयद हसन नसरुल्लाह ने कहा कि इस्राईल के साथ युद्ध के बारे में कुवैती अख़बार में जो कुछ प्रकाशित हुआ वह मैंने नहीं कहा है। उन्होंने कहा कि मेरे विचार में इस्राईल की ओर से लेबनान पर कोई युद्ध थोपे जाने की संभावना नहीं है क्योंकि वह ज़माना गुज़र गया जब इस्राईल हवाई हमले करके जंग जीत लेता था।
ईरान के बारे में अमरीकी सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए हिज़्बुल्लाह लेबनान के महासचिव ने कहा कि ट्रम्प ख़ुद आतंकवाद कर रहे हैं और दूसरों पर आतंकवाद के समर्थन का आरोप लगाते हैं। उन्होंने कहा कि जो देश ईरान के ख़िलाफ़ अमरीकी साज़िशों पर चुप हैं वह अमरीकी साम्राज्यवाद के लिए रास्ता खोल रहे हैं।
सैयद हसन नसरुल्लाह ने यमन, बहरैन सूडान और लीबिया के बारे में सऊदी अरब और इमारात की नीतियों की आलोचना की।