सीरिया के प्रतिभावान विदेश मंत्री जिन्होंने कूटनीति को नई दिशा और नई मज़बूती दी
सीरिया के विदेश मंत्री वलीद अलमुअल्लिम का सोमवार की सुबह 79 साल की उम्र में निधन हो गया। वह सीरिया के बड़े प्रतिभावान कूटनयिकों में गिने जाते थे।
उन्होंने अपने काम की शुरुआत विदेश मंत्रालय से ही की और इसी संस्था में आख़िर तक व्यस्त रहे। वलीद अलमुअल्लिम का जन्म 1941 में सीरिया की राजधानी दमिश्क़ में हुआ और सन 1963 में मिस्र की राजधानी क़ाहेरा की युनिवर्सिटी से अर्थ शास्त्र में ग्रेजुएशन किया। 1964 में वह सीरिया के विदेश मंत्रालय से जुड़ गए और कूटनीति के पटल पर अपनी सक्रियता का दायरा बढ़ाते चले गए।
वलीद अलमुअल्लिम 1975 से 1980 तक रोमानिया में सीरिया के राजदूत रहे और 1990 से 1999 तक अमरीका में अपने देश के राजदूत के रूप में कार्यरत रहे। सन 2000 में वह विदेश उपमंत्री नियुक्त किए गए और सन 2006 में विदेश मंत्री बन गए।
सीरिया के विदेश मंत्रलय की वेबसाइट पर उनके बारे में लिखा गया है कि विदेश मंत्री रहते हुए वलीद अलमुअल्लिम ने बड़े महत्वपूर्ण क़दम उठाए और देश की कूटनीति को आगे ले गए। उन्होंने ब्रिक्स के सदस्य देशों से अपने देश के संबंधों को नया आयाम दिया।
वलीद अलमुअल्लिम ने हमेशा पश्चिम-अरब-ज़ायोनी शासन मोर्चे का डटकर मुक़ाबला किया और उनका कहना था कि अमरीका के अत्याचारपूर्ण प्रतिबंधों का सामना करने वाले देशों को मिलकर एक मोर्चा बनाना चाहिए।
वलीद अलमुअल्लिम ने फ़िलिस्तीन के बारे में इस्राईल की विस्तारवादी नीतियों की आलोचना करते हुए कहा था कि इस्राईल की भूख की कोई सीमा नहीं है हमें चाहिए कि फ़िलिस्तीनियों का साथ दें और इस्राईल के विस्तारवाद पर अंकुश लगाएं।
ईरान के बारे में वलीद अलमुअल्लिम का कहना था कि यह देश सीरिया को कभी अकेला नहीं छोड़ेगा।
वलीद अलमुअल्लिम के अनमोल योगदान को देखते हुए देश के लोगों को यह अपेक्षा है कि उनका स्थान कोई प्रतिभावान कूटनयिक संभाले जो वर्तमान संवेदनशील हालात में देश की कूटनीति को सही दिशा में मज़बूती के साथ आगे बढ़ाए।