ईरान ने इस्राईल को गहरी चोटें पहुंचाईं मगर किसी को पता नहीं, ईरानी वैज्ञानिक की हत्या पर इस्राईल में डाक्यूमेंन्ट्री, ईरान की ओर से जवाबी कार्यवाही जल्द!
लंदन से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र रायुलयौम ने हालिया दिनों में इस्राईल में प्रसारित होने वाली एक डाक्यूमेंट्री फिल्म पर चर्चा की है जिसमें पिछले महीने शहीद होने वाले ईरानी परमाणु वैज्ञानिक, मोहसिन फख्रीज़ादे के बारे में भी बात की गयी है।
इस्राईल के चैनल-13 ने हालिया दशकों में इस्राईली खुफिया एजेन्सी द्वारा की जाने वाली हत्याओं पर एक डाक्यूमेंट्री दिखायी है जिसमें ईरान के परमाणु वैज्ञानिक प्रोफेसर मोहसिन फ़ख्रीज़ादे की हत्या का भी उल्लेख है जिन्हें पिछले महीने मार डाला गया। डाक्यूमेंट्री बनाने वाले और सैन्य मामलों के विशेषज्ञ, एलून बिन डेविड ने फिल्म में कहा है कि इस्राईल ने अब तक फख्रीज़ादे की हत्या की ज़िम्मेदारी स्वीकार नहीं की है।
डाक्यूमेंट्री में मोसाद के पूर्व उपादध्यक्ष राम बिन बाराक ने कहा है कि ईरानी बेहद चतुर होती है और इस तरह की कार्यवाहियों में उन्हें बहुत अधिक अनुभव है, अतीत में ईरानियों ने इस्राईल को गहरी चोट पहुचांई है लेकिन उसके बारे में आम लोगों को कुछ पता नहीं चल पाया। अलबत्ता उन्होंने यह नहीं बताया कि इस्राईल में सेना इस प्रकार की खबरों को आम होने से रोकती है और कड़ी निगरानी रखती है।
एक सवाल का जवाब देते हुए बिन बाराक ने कहा कि उन्हें पूरा यकीन है कि ईरान, इस्राईल के खिलाफ बदले की कार्यवाही ज़रूर करेगा लेकिन यह ज़रूरी नहीं कि ईरान की जवाबी कार्यवाही इस्राईल के भीतर हो क्योंकि अभी तक यह नहीं हो पाया है।
इस डाक्यूमेंट्री फिल्म में इस्राईल की खुफिया एजेन्सियों मोसाद और शाबाक के वरिष्ठ अधिकारियों से बात चीत भी दिखायी गयी है जो यह कहते नज़र आ रहे हैं कि इस्राईल, अरब देशों और ईरान के बड़े बड़े सैन्य अधिकारियों तक पहुंच सकता है और यह शक्ति मोसाद और शाबाक के भीतर इस्राईल की सुरक्षा के लिए पैदा की गयी है।
फिल्म में ट्यूनेशिया में अबू जेहाद और गज़्ज़ा मे यहया अयाश की हत्या का उल्लेख किया गया है लेकिन मोसाद के पूर्व अधिकारी तौमीर हायम ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि इस तरह की हत्या की कार्यवाहियों की इस्राईल को क्या क़ीमत चुकानी पड़ती है? लेकिन यह कहा कि इस्राईल विदेशों में कार्यवाहियों के लिए अन्य देशों के नागरिकों को इस्तेमाल करता है लेकिन हर हाल में सब से अधिक भरोसा इस्राईलियों पर ही करता है।
इस डाक्यूमेंट्री फिल्म में सांकेतिक रूप से परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फख्रीजादे की हत्या के बारे में ईरान की तरफ से जारी किये गये ब्योरे की पुष्टि की गयी है।
इस डाक्यूमेंट्री फिल्म में हालांकि साफ तौर पर यह स्वीकार नहीं किया गया है कि ईरानी वैज्ञानिक की हत्या के पीछे इस्राईल का हाथ है लेकिन इसे इस्राईल के लिए एतिहासिक सफलता कहा गया है और दावा किया गया है कि मोहसिन फख्रीज़ाद की हत्या से ईरान को गहरी चोट पहुंची है। डाक्यूमेंट्री में बताय गया है कि इस्राईल के एक उच्च सुरक्षा अधिकारी ने बताया है कि मोहसिन फख्रीज़ादे को पता था कि मोसाद उनकी हत्या करना चाहता है।
इस्राईली टीवी की डाक्यूमेंट्री फिल्म के अनुसार, फख्रीज़ादे ने खुद कार चलाने पर आग्रह करके बहुत बड़ी गलती की क्योंकि उनका काफिला जब घटना स्थल के पास पहुंचा तो आटोमेटिक गन ने उनका चेहरा पहचान कर फायरिंग शुरु कर दी जिससे सात गोलियां उन्हें लगीं और उनके साथ बैठी उनकी पत्नी सुरक्षित रहीं।
डाक्यूमेंट्री बनाने वाले ने अंत में कहा है कि इस्राईल को ईरान की ओर से जवाबी कार्यवाही की प्रतिक्षा है लेकिन इसके साथ ही इस्राईल, ईरान को परमाणु बम तक पहुंचने से रोकने के लिए सब कुछ करने पर तैयार है।
याद रहे इस अवसर पर इस्राईली टीवी की यह डाक्यूमेंट्री फिल्म वास्तव में मनोवैज्ञानिक युद्ध का हिस्सा भी है जो इस्राईल ईरान के खिलाफ शुरु कर चुका है क्योंकि इस डाक्यूमेंट्री के दो हिस्से हैं, एक हिस्से में मोसाद की शक्ति को बढ़ा चढ़ा कर बताया गया है और दूसरे हिस्से में यह कहा गया है कि इस्राईल अपने हितों के लिए हत्या और आतंवाद जैसी कोई भी कार्यवाही कर सकता है। Q.A
साभार रायुलयौम, लंदन
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