सीरिया-इराक़ सीमावर्ती पट्टी पर हमले मे किसका हाथ, क्यों किया गया यह हमला, जानकार ने खोले कई राज़
इराक़ के एक जानकार सूत्र ने बताया है कि अमरीका ने इराक़ से मिलने वाली सीरिया के सीमावर्ती क्षेत्र को अशांत करने की योजना तैयार की है।
इराक़ के जानकार सूत्र का कहना है कि इराक़ से मिलने वाले सीरिया तथा इराक़ के सीमावर्ती क्षेत्र में दाइश के आतंकियों को तैनात करके अमरीका, इस क्षेत्र की सुरक्षा को ख़तरे में डाल रहा है। इस इराक़ी सूत्र का कहना है कि इराक़ और सीरिया की सीमा पर अमरीका का हालिया हमला, इस क्षेत्र में दाइश की आवाजाही को आसान बनाने के उद्देश्य से किया गया। अलमालूमा वेबसाइट के अनुसार पिछले कुछ दिनों के दौरान अमरीका और इस्राईल के विमानों ने सीरिया की सेना पर कई बार हमले किये। इन हमलों में सीमावर्ती क्षेत्रों को नियंत्रित करने वाले केन्द्र को निशाना बनाया गया। इन हमलों का उद्देश्य, सीरिया के सीमावर्ती क्षेत्रों पर पकड़ मज़बूत बनाना है।
अमरीकी कमान की योजना है कि इराक़ और सीरिया की सीमा के पास मौजूद इराक़ी स्वयंसेवी बल हश्दुश्शाबी के ठिकानों पर लगातार हमले किये जाएं। इससे यह लाभ होगा कि दाइश के आतंकवादियों को फिर इसी क्षेत्र में तैनात करके अलअंबार एवं अलजज़ीरा मरूस्थल से अस्सरसार तक अपने दृष्टिगत कार्यक्रम को लागू किया जा सकता है। इस प्रकार से इराक़ में दाइश के प्रभाव और उसके दबदबे को बढ़ाने में मदद मिलेगी एसी स्थिति में इराक़ को अस्थिर करके वहां पर एक नया संकट पैदा किया जा सकता है। जानकारों ने बताया है कि अमरीकी सैनिकों और उनसे संबन्धित गुटों ने "अलहूल" छावनी से 12 हज़ार से अधिक दाइशी आतंकवादियों को बाहर निकाल दिया है। इनमें से अधिकांश ख़ूंख़ार लड़ाके हैं।
दूसरी ओर इराक़ की संसद में अलफ़त्ह गठबंधन के प्रतिनिधि फ़ाज़िल जाबिर ने भी बताया है कि इराक़ और सीरिया के सीमावर्ती क्षेत्रों पर हालिया बमबारी का उद्देश्य, अलअंबार तथा अलजज़ीरा मरूस्थल पर सुरक्षा व्यवस्था को कमज़ोर करना है ताकि दाइश के आतंकवादियों को इराक़ में सरलता से पहुंचाया जा सके। उन्होंने इस क्षेत्र में सुरक्षा कड़ी करने का आह्वान किया है।
राजनैतिक टीकाकारों का मानना है कि सुरक्षा मामलों की थोड़ी सी ही जानकारी रखने वाले को यह पता होगा कि इराक और सीरिया के सीमावर्ती क्षेत्रों पर अमरीका और इस्राईल की ओर से किये जाने वाले हालिया हमलों का लक्ष्य वहां की सुरक्षा को कमज़ोर करके इन क्षेत्रों में दाइश को सक्रिय करना है। अगर पूरी क्षमता के साथ इस अमरीकी-इस्राईली योजना का मुक़ाबला नहीं किया जाता है तो क्षेत्र अशांत हो सकता है जिससे इराक़ की सुरक्षा के लिए गंभीर ख़तरा उत्पन्न हो जाएगा। एसे में इराक़ से दाइश की समाप्ति की घोषणा के बावजूद इस देश में फिर इस ख़ूंख़ार आतंकी संगठन के फैलाव का ख़तरा बढ सकता है।