जानिए टोक्यो ओलंपिक पदक की तैयारी के लिए जापान की अनूठी रणनीति? पुराने स्मार्टफोन, लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामानों से बन गए 5 हज़ार मेडल!
(last modified Mon, 26 Jul 2021 07:15:09 GMT )
Jul २६, २०२१ १२:४५ Asia/Kolkata
  • जानिए टोक्यो ओलंपिक पदक की तैयारी के लिए जापान की अनूठी रणनीति? पुराने स्मार्टफोन, लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामानों से बन गए 5 हज़ार मेडल!

ओलंपिक स्वर्ण पदक हासिल करना दुनिया भर के एथलीटों का सबसे बड़ा सपना होता है। जापान के टोक्यो में ओलंपिक खेल चल रहे हैं, जिसके लिए क़रीब 5,000 ओलंपिक और पैरालंपिक पदक तैयार किए गए हैं।

जापान में जारी ओलंपिक 2020 के लिए तैयार किए जाने वाले पदकों की कहानी भी काफी दिलचस्प है क्योंकि जापान ने इसके लिए बेहद अनोखी रणनीति अपनाई थी। टोक्यो ओलंपिक में ख़िलाड़ियों को मिलने वाले स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक पिछले खेलों के समान ही हैं, लेकिन प्रत्येक मेज़बान पदकों को पहले के पदकों से अलग दिखाने के लिए कुछ अनोखा करता है। इस बार भी ऐसा हुआ है। सभी पदकों के कुछ प्रतीक होते हैं। अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अनुसार, ओलंपिक पदक नाइके के प्रतीक के साथ उत्कीर्ण होते हैं, जिसे प्राचीन ग्रीस में सफलता की देवी माना जाता है, जिसमें पांच ओलंपिक मंडल होते हैं, जबकि खेलों का आधिकारिक नाम दर्ज किया ज़रूरी है। इस बार खेलों का नाम XXXII ओलंपियाड टोक्यो 2020 रखा गया है जो इन पदकों पर लिखा होगा।

इस वर्ष का अनूठा तत्व पदकों पर थीम का प्रतिबिंब है, जिसे लाइट एंड ब्रिलियंट करार दिया गया है, जिसका अर्थ है कच्चे पत्थर जिन्हें अब पॉलिश कर दिया गया है। अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अनुसार, पदक में प्रकाश का पैटर्न एक एथलीट और उसका समर्थन करने वालों की ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि दीप्ति दोस्ती की गर्मजोशी का प्रतिनिधित्व करती है।

जिस खेल के लिए पदक बनाया जाता है उसका नाम भी एक सिरे पर खुदा होता है। इन पदकों पर रिबन या फीता होता है मौजूद होता है कि जिसे जापान को प्रतिबिंबित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जबकि विजेताओं को अनूठी लकड़ी के पदक के मेडल केस भी दिए जाते हैं, इसकी विशेष बात यह है कि प्रत्येक मेडल केस दूसरे मेडल केस से बिल्कुल अलग होता है। पदक का डायामीटर 3.35 है, पदक का सबसे पतला हिस्सा 7.7 मिमी लंबा है जबकि सबसे मोटा हिस्सा 12.1 मिमी लंबा है, स्वर्ण पदक का वज़न 556 ग्राम, रजत 550 ग्राम और कांस्य 450 ग्राम है। पदक जापान साइन डिज़ाइन एसोसिएशन और ओसाका डिज़ाइन सोसाइटी के निदेशक जोंशी कवनशी ने डिज़ाइन किए हैं, जिन्होंने 400 से अधिक पेशेवर डिज़ाइनरों और डिज़ाइन छात्रों को हराकर पुरस्कार जीता था।

अगर आपको लगता है कि स्वर्ण पदक पूरी तरह से सोने के बने होते हैं, तो जान लें कि ऐसा नहीं है। स्वर्ण पदकों में केवल 6 ग्राम सोने का उपयोग होता है जो चढ़ाने या कोटिंग के लिए उपयोग किया जाता है जबकि इसका अधिकांश भाग शुद्ध चांदी से बना होता है। रजत पदक शुद्ध चांदी से बना होता है, जबकि कांस्य पदक 95% तांबे और 5% जस्ता का उपयोग करता है।

टोक्यो 2020 ओलंपिक के लिए पदक बनाने की परियोजना अप्रैल 2017 में शुरू की गई थी और मार्च 2019 तक जारी रही, जिसके दौरान पदक विकसित किए गए। धातुओं के अधिग्रहण के लिए 78 टन से अधिक पुराने स्मार्टफोन, लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण एकत्र किए गए, जिसमें से 32 किलोग्राम से अधिक सोना, लगभग 3,500 किलोग्राम चांदी और 2,200 किलोग्राम कांस्य बरामद किया गया। (RZ)

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