Jan १५, २०२२ १५:१८ Asia/Kolkata

मलेशिया के इस्लामी संगठनों के सदस्यों ने कुआला लम्पुर स्थित ब्रिटिश उच्चायुक्त के सामने फ़िलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन किया है।

इस बार प्रदर्शनकारियों का ग़ुस्सा ब्रिटेन के ख़िलाफ़ फूट पड़ा है, जिसने ज़ायोनी शासन के समर्थन में फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोधी संगठन हमास को आतंकवादी गुट क़रार दे दिया है। मलेशिया के इस्लामी संगठनों की सलाहकार परिषद के प्रमुख मोहम्मद अज़मी अब्दुल हमीद के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने ब्रिटेन के इस फ़ैसले की आलोचना की और कहा कि हमास आतंकवादी नहीं है,  बल्कि अवैध ज़ायोनी शासन असली आतंकवादी है। ...

हम सभी लोग ब्रिटेन को यह चेतावनी देने आए हैं कि असली आतंकवादी अवैध ज़ायोनी शासन है, न कि हमास। असली अपराधी ज़ायोनी शासन है, जिस पर प्रतिबंध भी लगना चाहिए और जिसे सज़ा भी मिलनी चाहिए।

प्रदर्शनकारियों ने ज़ोर देकर कहा कि पीड़ित फ़िलिस्तीनी जनता के क़ानूनी अधिकारों की रक्षा करना, फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोधी संगठन के गठन का मूल उद्देश्य है। ...

हमास को आतंकवादी बताना एक बहुत बड़ी ग़लती है। हमास ग़ज्ज़ा पट्टी और फ़िलिस्तीन के पीड़ित लोगों के अधिकारों की रक्षा करता है। ...

हम ब्रिटेन को यह संदेश देना चाहते हैं कि दूसरों के मामलों में हस्तक्षेप न करे। फ़िलिस्तीन की जनता ने ख़ुद हमास का चयन किया है। हमें उनके चयन का सम्मान करना चाहिए।

कुआला लम्पुर स्थित ब्रिटिश उच्चायुक्त के सामने मलेशिया के इस्लामी संगठनों के सदस्यों ने धरना प्रदर्शन किया है और ब्रिटेन के इस अत्याचारी क़दम की निंदा की है।

इस्माईल पूरहाजी आईआरआईबी, कुआला लम्पुर

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