रूस के घेरने के लिए नार्वे की ओर बढ़ा नेटो
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रूस की सीमाओं से कुछ ही दूरी पर नॉर्वे के पास नेटो, संयुक्त सैन्य अभ्यास करने जा रहा है।
(last modified 2023-04-09T06:25:50+00:00 )
Mar १३, २०२२ ०९:५६ Asia/Kolkata
  • रूस के घेरने के लिए नार्वे की ओर बढ़ा नेटो

रूस की सीमाओं से कुछ ही दूरी पर नॉर्वे के पास नेटो, संयुक्त सैन्य अभ्यास करने जा रहा है।

रूस और यूक्रेन में चल रही जंग के बीच नेटो ने बड़ा कदम उठाने का फैसला लिया है।

संचार माध्यमों के अनुसार नाटो  के सैनिक और उसके सहयोगी सोमवार से नॉर्वे में एक प्रशिक्षण अभ्यास शुरू करेंगे। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य नाटो देशों को खुद का बचाव करना है।

यह अभ्यास रूस की सीमाओं से कुछ दूर नॉर्वे के पास आयोजित किया जाएगा। इस प्रशिक्षण में  27 देशों के करीब 30,000 सैनिक, 200 विमान और 50 जहाज इस अभ्यास में हिस्सा लेंगे, जो इस साल नाटो सैनिकों की सबसे बड़ी संख्या है।

शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि वह तीसरे विश्व युद्ध के अंत तक नाटो की रक्षा करेंगे, लेकिन वह यूक्रेन में रूस से लड़कर एक व्यापक संघर्ष को बढ़ाने का जोखिम नहीं उठाएंगे और नो-फ्लाई जोन स्थापित करने से भी इन्कार करेंगे।

नेटो का मानना है कि नॉर्वे और उसके सहयोगियों की सुरक्षा के लिए यह अभ्यास जरूरी है। रोजर एनोक्सेन के अनुसार यह अभ्यास नॉर्वे और उसके सहयोगियों की सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हम नॉर्वे के संबद्ध सुदृढीकरण का अभ्यास करेंगे।

नॉर्वे के रक्षामंत्री ऑड ने कहा कि नॉर्वे यह परीक्षण करने के लिए इसलिए भी उत्सुक है कि वह नाटो के चार्टर के अनुच्छेद पांच के अनुरूप, अपनी धरती पर मित्र देशों के सुदृढ़ीकरण का प्रबंधन कर सकेगा। यह प्रशिक्षण किसी शक्तिशाली देश द्वारा किए गए हमले से बचाव के लिए सदस्य देशों से सहयोग लेने में मदद करता है। पड़ोसी देश स्वीडन और फिनलैंड भी प्रशिक्षण में भाग लेंगे जो नेटो के करीबी साझेदार हैं। इस सैन्य अभ्यास का समापन पहली अप्रैल को होगा।

गौरतलब है कि जब द्वितीय विश्व युद्ध खत्म हो रहा था और अमेरिका-सोवियत संघ के बीच शीत युद्ध की शुरुआत हो रही थी, तब 1949 में नाटो का गठन हुआ था। शुरुआत में इस संगठन में 12 देश सदस्य थे, जिनकी संख्या अब 30 हो चुकी है।

इनमें से कई देश 1991 में सोवियत संघ का विघटन होने के बाद नाटो में शामिल हुए। नाटो के चार्टर में कुल 14 आर्टिकल हैं, जिनमें अनुच्छेद पांच सबसे अहम है। दरअसल, इस नियम के तहत नाटो गारंटी देता है कि अरग उसके किसी भी सदस्य पर हमला होता है तो वह एसे में उसका जवाब देगा।