त्रिपोली की ताज़ा हिंसा से कई देश चिंतित
लीबिया की राजधानी में गंभीर झड़पों में दसियों लोग हताहत और घायल हुए हैं।
लीबिया में होने वाली गंभीर झडपों को बंद करवाने के लिए विश्व के कई देशों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं।
त्रिपोली में शुक्रवार को आरंभ होने वाली झड़पें शनिवार तक जारी रहीं। इन झड़पों में कम से कम 23 लोग मारे गए जबकि 140 घायल हो गए। यह झड़पें लीबिया के दो धड़ों समर्थकों के बीच हुईं। इन झड़पों में 4 स्वास्थ्य केन्द्रों को भारी नुक़सान हुआ जिसपर यूनेस्को ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
त्रिपोली में ताज़ा झड़पों के बाद अल्जीरिया, तुर्की, ट्यूनीशिया, मिस्र और क़तर के विदेश मंत्रालयों ने अलग-अलग बयान जारी करके सीरिया के संघर्षरत पक्षों से झड़पों के तत्काल रोके जाने की मांग की है।
इसी बीच इटली के विदेशमंत्री के विशेष दूत ने भी इन झड़पों को रुकवाने की मांग की है। लीबिया की राजधानी त्रिपोली में हालिया दिनों में सैन्य बलों की तैनाती में तेज़ी आई जो बाद में झड़पों में परिवर्तित हो गई।
याद रहे कि सन 2011 में लीबिया के तानाशाह मुअम्मर क़ज़्ज़ाफ़ी का तख़्ता पलटने के बाद इस देश में विशेषकर यहां की राजधानी में हिंसा का तांडव आरंभ हो गया था। यहां पर दो सरकारे हैं। पश्चिमी लीबिया में फाएज़ अस्सेराज की सराकर बनी जिसको संयुक्त राष्ट्रसंघ का समर्थन हासिल था।
पूर्वी लीबिया में इस देश की सेना के एक पूर्व कमांडर ख़लीफ़ा हफ़्तर के नेतृत्व में दूसरी सरकार का गठन किया गया। एक ही देश में दो सरकारों के कारण लीबिया में अशांति, उथल-पुथल तथा हिंसा जारी है।
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