Dec २६, २०२२ १८:५४ Asia/Kolkata

क्रिसमस के दिन जहां दुनिया के कोने-कोने में ख़ुशियां मनाई जा रहीं थीं और विश्व में शांति की कामना की जा रही थी वहीं फ्रांस के सबसे बड़े नगर और उसकी राजधानी पेरिस से आग की लपटें उठ रहीं थीं और गोलियों की आवाज़ें आ रही थीं।

पिछले दो महीने से ज़्यादा समय से अमेरिका और पश्चिमी देश लगातार ईरान में दंगे भड़काने का प्रयास कर रहे थे। अपने एजेंटों के माध्यम से ईरान के विभिन्न शहरों में उपद्रव कराने का प्रयास करने वाला अमेरिका और उसके सहयोगी इस बात को भूल बैठे थे कि जब-जब किसी ने किसी दूसरे के लिए गड्ढा खोदा तब-तब उस गड्ढे में वस स्वयं जाकर गिरा है। ईरान में दंगों को हवा देने वालों में फ्रांस भी आगे-आगे रहा है। इस बीच अब फ्रांस स्वयं दंगों की आग में जल रहा है। प्राप्त रिपोर्टों के मुताबिक़, मध्य पेरिस में रुए डी एंघियन में स्थित एक सांस्कृतिक केंद्र में शुक्रवार को एक बंदूकधारी द्वारा तीन लोगों की हत्या के बाद दंगे भड़क गए। बंदूकधारी हमलवार ने तीन लोगों को घायल कर दिया था। इसके बाद पेरिस में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसा भड़क गई। इस दौरान कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी समर्थकों और पुलिस के साथ जमकर भिड़ंत हुई। कई सुरक्षाकर्मी भी घायल हो गए। दरअसल कुर्दिश सांस्कृतिक केंद्र में शुक्रवार को हुई घातक गोलीबारी के बाद दूसरे दिन पेरिस में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसा और दंगे भड़के। वहीं क्रिसमस के दिन भी पेरिस हिंसा की आग में दहल उठा। यहां उग्र प्रदर्शनकारियों ने वाहनों को पलट दिया और आग लगा दी। जवाब में पुलिस ने आंसू गैस के गोले प्रदर्शनकारियों पर छोड़े।

द न्यू यॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, तीन पीड़ितों के शोक में शहर के प्लेस डे ला रिपब्लिक में बड़े पैमाने पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बाद शनिवार को विरोध फिर से शुरू हो गया। पेरिस के सेंट्रल स्क्वायर में पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए सैकड़ों कुर्द प्रदर्शनकारी ज़िले के मेयर सहित फ्रांसीसी राजनेताओं के साथ शामिल हुए थे। फ्रांस में कुर्दिश डेमोक्रेटिक काउंसिल के एक राजनीतिक समूह, बेरिवान फ़िराट ने बीएफएम टीवी को बताया, "हमें बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं किया जा रहा है। 10 वर्षों में, छह कुर्द कार्यकर्ता पेरिस में दिन के उजाले में मारे गए हैं।" समूह ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए लोगों को चौक पर इकट्ठा होने का आह्वान किया था। उधर, पेरिस के पुलिस प्रमुख लॉरेंट नुनेज ने कहा कि हिंसा के लिए कुछ दर्जन प्रदर्शनकारी ज़िम्मेदार थे, जिसमें 11 लोगों की गिरफ्तारियां हुईं और लगभग 30 लोगों को मामूली चोटें आईं। जैसे ही कुछ प्रदर्शनकारी चौक से बाहर निकले, उनकी पुलिस के साथ झड़प हो गई और फिर देखते ही देखते पूरे पेरिस में दंगे भड़क उठे। पुलिस ने दंगों को कंट्रोल करने के लिए प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे। प्रदर्शनकारियों के तितर-बितर होने से पहले लगभग दो घंटे तक पेरिस की सड़कों पर युद्ध का माहौल बना रहा। इस बीच प्रदर्शनकारियों ने फ्रांसीसी पुलिस पर महिलाओं और बच्चों के साथ भी बेरहमी के साथ मारपीट का आरोप लगाया है। वहीं ईरान में दंगों को हवा देने वाली पश्चिमी मीडिया फ्रांस में होने वाले दंगों पर चुप्पी साधे बैठी हुई है। (RZ)

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