Dec ३१, २०२२ ०९:५४ Asia/Kolkata

एक अमरीकी वेबसाइट ने अपने ही देश के आतंकियों के हाथों ईरान के महान योद्धा और आईआरजीसी की क़ुद्स फ़ोर्स के पूर्व कमांडर जनरल क़ासिम सुलेमानी की हत्या से जुड़े पहलुओं का पर्दाफ़ाश किया है।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, याहू वेबसाइट ने जनरल क़ासिम सुलेमानी की हत्या के बारे में एक रिपोर्ट में बताया कि उनकी हत्या में ज़ायोनी अधिकारियों और इराक़ के कुर्दिस्तान इलाक़े के अधिकारियों के बीच साठ गांठ हुई थी। इस रिपोर्ट में ज़ायोनी शासन और इराक़ी कुर्दिस्तान के सुरक्षा अधिकारियों के बीच साठ गांठ साज़िश से पर्दा उठाते हुए कहा गया है कि जनरल सुलेमानी की हत्या के ऑप्रेशन का आने वाले बरसों में जो बाइडन की अध्यक्षता में अमरीका की मौजूदा सरकार की रणनैतिक स्थिति पर असर पड़ेगा। इस रिपोर्ट के आरंभ में जिसे जैक मर्फ़ी और ज़ेक ड्वार्फ़मन ने तैय्यार की है, आया है कि “वर्ष 2020 के जनवरी महीने में डेल्टा फ़ोर्स के अधिकारियों की तीन टीमें, बग़दाद इंटरनेश्नल एयरपोर्ट में गुप्त जगह से अपनी दूरबीनों से आस-पास की जगहों की निगरानी कर रही थी और अपने लक्ष्य यानी ईरान के सबसे प्रभावशाली कमांडर जनरल क़ासिम सुलेमानी का इंतेज़ार कर रही थीं। टीम के सदस्य बिल्डिंग बनाने वाले मज़दूरों के लेबास में पुरानी इमारतों या सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों में छिपे हुए थे।”

इस वेबसाइट की रिपोर्ट में आगे आया है कि एक रात बहुत ठंड थी। आसमान में बादल छाए हुए थे और एयरपोर्ट का दक्षिणी भाग अमरीकियों की ओर से जारी नोटिस की वजह से सैन्य ऑप्रेशन के लिए बंद था, अलबत्ता इराक़ी सरकार को यह बताया गया था। स्नाइपरों की तीन टीमें हत्या की जगह से 500 से 800 मीटर की दूरी पर तैनात थीं। वह जगह एयरपोर्ट में प्रवेश होने वाली सड़क थी। यह टीम इस तरह तैनात थी कि अपने टार्गेट को एयरपोर्ट से निकलते वक़्त एक त्रिकोण में घेर ले। एक स्नाइपर का कैमरा सीधे तौर पर बग़दाद में अमरीकी दूतावास से कनेक्ट था। रिपोर्ट के मुताबिक़, “सीरिया की राजधानी दमिश्क़ से उड़ान कई घंटे विलंब के बाद आधी रात के बाद 3 जनवरी 2020 को बग़दाद एयरपोर्ट पर उतरी। तीन अमरीकी ड्रोन उसके ऊपर मंडरा रहे थे। जिस वक़्त जहाज़ रनवे से एयरपोर्ट की ओर बढ़ रहा था कि एयरपोर्ट के कर्मचारी की वर्दी में एक कुर्द अधिकारी ने जहाज़ को रुकने का इशारा किया। जब टार्गेट जहाज़ से बाहर निकला तो कुर्दिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों ने, जो वहां बैग उठाने वाले कर्मचारियों की वर्दी पहन कर बदले हुए भेस में मौजूद थे, उसे चिन्हित किया।”

एक अमरीकी सैन्य अधिकारी के अनुसार, दमिश्क़ एयरपोर्ट में हवाई जहाज़ पर जनरल क़ासिम सुलेमानी के सवार होने से छह घंटे पहले, इस ईरानी जनरल ने तीन बार अपना मोबाइल बदला। तेल अवीव में अमरीका की ज्वाइंट ऑप्रेश्नल कमान के अधिकारियों ने अपने इस्राईली समकक्षों के साथ, शहीद सुलेमानी के मोबाइल फ़ोन के मॉडल का पता लगाने के लिए सहयोग किया। इस्राईलियों ने शहीद सुलेमानी के मोबाइल नंबर, अमरीकियों को दिए, यहां तक कि उन्होंने शहीद सुलेमानी, उनके पास मौजूद फ़ोन को बग़दाद तक ट्रेस किया। जैसी ही दो गाड़ियां हत्या की जगह पर पहुंचीं, ड्रोन से गाड़ियों पर हेल मीज़ाईल फ़ायर हुए। दो हेल मीज़ाईल जनरल सुलेमानी की गाड़ी पर लगे, दूसरी गाड़ी के ड्राइवर ने भागने के लिए एक्सेलरेटर दबाया। ड्राइवर, डेल्टा फ़ोर्स के स्नाइपरों की गाड़ी पर फ़ायरिंग से पहले, रुकने पर मजबूर हुआ, क़रीब 90 मीटर आगे बढ़ा। जिस वक़्त गाड़ी रुकी तीसरा हेल मीज़ाईल उस पर लगा। इस तरह आतंकी अमेरिका ने आतंकवाद के ख़िलाफ़ होने वाले युद्ध के सबसे महान योद्धा को शहीद कर दिया। इससे यह पूरी तरह साफ़ होता है कि पश्चिमी एशिया में आतंकवाद का अगर कोई सबसे बड़ा समर्थक और रक्षक है तो वह अमेरिका और उसके सहयोगी ही हैं। (RZ)

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