Jan २५, २०२४ १३:३३ Asia/Kolkata
  • हर दिन मानवता को शर्मसार करता इस्राईल! संयुक्त राष्ट्र संघ के कैम्पों को बना रहा है निशाना, अमेरिका और पश्चिमी देश ज़ायोनी शासन के अपराधों पर बजा रहे हैं तालियां!

ग़ज़्ज़ा पट्टी में यूएनआरडब्ल्यूए मामलों के निदेशक टॉम व्हाइट ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट में कहा कि एजेंसी और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की टीमें ख़ान यूनिस प्रशिक्षण केन्द्र तक पहुँचने की कोशिश कर रही हैं।

यूएनआरडब्ल्यूए के महाआयुक्त फ़िलिपे लेज़ारिनी ने "ग़ज़्ज़ा में एक और भयावह दिन" पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि इस आश्रय स्थल पर लगभग 30 हज़ार लोग शरण लिए हुए हैं और इस हमले के परणामस्वरूप मृतक संख्या अधिक हो सकती है। एजेंसी के महाअयुक्त ने कहा, "परिसर स्पष्ट रूप से चिह्नित संयुक्त राष्ट्र सुविधा है और इसकी ज़मीनी स्थिति के निर्देशांक इस्राईली अधिकारियों को भेजे गए थे, जैसा कि हम अपनी सभी सुविधाओं के लिए करते हैं।" उन्होंने कहा, "यह हमला, एक बार फिर युद्ध के बुनियादी नियमों की घोर उपेक्षा है।"

अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीनी क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र के अन्तरिम मानवीय सहायता समन्वयक जेमी मैकगोल्ड्रिक ने जेनेवा में कहा है कि यह घटना ख़ान यूनिस के आसपास हाल ही में, युद्ध में आई तेज़ी का संकेत है। जेमी मैकगोल्ड्रिक ने मंगलवार को ग़ज़्ज़ा की अपनी यात्रा के बारे में पत्रकारों को जानकारी दी, जहाँ उन्होंने कहा कि मानवीय सहायता एजेंसियाँ, विस्थापित लोगों को भोजन, चिकित्सा सहायता, आश्रय, पानी और स्वच्छता जैसी बुनियादी सेवाएँ प्रदान करने के लिए संघर्ष कर रही हैं। “उसके परिणामस्वरूप, लोग स्वयं वास्तव में इससे उबरने के लिए संघर्ष कर रहे हैं...लोगों को एक ऐसी वास्तविकता दिखाई देने लगी है कि उन्हें कुछ महत्वपूर्ण समय तक, ऐसे ही हालात का सामना करना पड़ेगा।" जेमी मैकगोल्ड्रिक ने ग़ाज़ा की अपनी यात्रा के दौरान दक्षिणी शहर रफ़ाह का दौरा किया, जो मिस्र की सीमा पर स्थित है, और ग़ज़्ज़ा पट्टी में सहायता आपूर्ति के लिए एक सीमा चौकी है। रफ़ाह की सामान्य आबादी लगभग 2 लाख 80 हज़ार है, जो अब बढ़कर अनुमानित 12 से 14 लाख हो गई है क्योंकि अन्यत्र लड़ाई से भाग रहे लोग, यहाँ इकट्ठा हो रहे हैं, सड़कों पर अस्थाई आश्रय और तम्बू लगा रहे हैं। गन्दगी और अस्वच्छ स्थितियों के कारण श्वसन संक्रमण और हेपेटाइटिस ए का प्रकोप बढ़ गया है। यह दोनों रोग, ग़ज़्ज़ा में समाप्त कर दिए गए थे। दिमाग़ी बुख़ार और अन्य बीमारियाँ भी उभर रही हैं। (RZ)

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