Mar ०५, २०२४ ०८:४० Asia/Kolkata
  • संयुक्त राष्ट्र संघ ने एक बार फिर चीन पर सिनकियांग और तिब्बत में मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगाया

संयुक्त राष्ट्र संघ की मानवाधिकार संस्था के प्रमुख वोल्कर तुर्क ने कहा कि चीन अपने सिनकियांग और तिब्बत के इलाक़ों में मूल अधिकारों का हनन कर रहा है। उन्होंने चीन से इस शैली को बदलने की मांग की।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार वोलकर तुर्क को चीन के ख़िलाफ़ कड़ाई से आवाज़ न उठाने के लिए आलोचनाओं का सामना था और अब उन्होंने भी चीन से कहा है कि वह मानवाधिकारों के लिए काम करने वाले उन लोगों को रिहा करे जिन्हें लड़ाई झगड़ा शुरू करने और परेशानी पैदा करने जैसे भ्रामक और अस्पष्ट आरोपों के तहत गिरफ़तार किया गया है।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद को दी गई अपनी नई ग्लोबल अपडेट में वोलकर तुर्क ने चीन से मांग की कि वह उनके कार्यालय सहित मानवाधिकार के अन्य संगठनों की ओर से सिनकियांग, तिब्बत और अन्य इलाक़ों में मानवाधिकारों के ख़िलाफ़ क़ानून, नीतियां और रवैए के बारे में की गई अनुशंसाओं पर अमल करे।

उन्होंने आगे कहा कि मैं राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित क़ानूनों के बारे में पाई जाने वाली आशंकाओं के संदर्भ में हांग कांग के अधिकारियों से संपर्क में हूं।

संयुक्त राष्ट्र संघ के अधिकारी ने कहा कि उनका कार्यालय आतंकवाद निरोधक नीतियों, समानताओं, अल्पसंख्यकों की रक्षा, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों पर चीन के साथ बातचीत कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमें आगे बढ़ना है तो इस बातचीत का ठोस नतीजा निकलना ज़रूरी है।

वोलकर तुर्क ने विकास हासिल करने और ग़रीबी दूर करने में चीन की सफलता को स्वीकारा लेकिन इस बात पर ज़ोर दिया कि पालीसियों और क़ानूनों को अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार पैमानों से समन्वित करने की ज़रूरत है।

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