May २७, २०२४ १३:४९ Asia/Kolkata
  • सदी के अपराधी के ख़िलाफ़ कार्यवाही/यूरोप और लैटिन अमेरिका में कुछ महत्वपूर्ण घटनाक्रमों पर एक नज़र
    सदी के अपराधी के ख़िलाफ़ कार्यवाही/यूरोप और लैटिन अमेरिका में कुछ महत्वपूर्ण घटनाक्रमों पर एक नज़र

पार्सटुडे- स्पेन के विदेश मंत्री ने एक्स सोशल नेटवर्क पर लिखा: अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय द्वारा निर्धारित निवारक उपाय, जिसमें यह भी शामिल है कि इस्राईली शासन को रफ़ह पर अपने सैन्य आक्रमण को रोकना चाहिए, अनिवार्य और बाध्यकारी हैं।

इस्राईल से कोलंबिया के संबंधों की समाप्ति, इस्राईल से स्पेन के संबंधों का गहरा होना, फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ हमलों को रोकने के लिए ज़ायोनी शासन से डेनमार्क का अनुरोध और यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रभारी का अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के फ़ैसले के क़ानूनी होने पर जोर देना, फ़िलिस्तीन के बारे में लैटिन अमेरिकी और यूरोपीय समाचार पत्रों की अहम ख़बरें है।

कोलंबिया: हमने इस्राईल से अपने रिश्ते तोड़ लिए

कोलंबिया के विदेश मंत्री लुइस गिल्बर्टो मोरियो ने अल जज़ीरा से बात करते हुए कहा: कोलंबिया ने ज़ायोनी शासन के साथ संबंध तोड़ लिए हैं क्योंकि इस्राईल ने अंतरराष्ट्रीय मानवीय क़ानूनों का सम्मान नहीं किया और उनका उल्लंघन किया है।

मोरेओ ने कहा, हम चाहते हैं कि इस्राईल अंतर्राष्ट्रीय प्रस्तावों का पालन करे, अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के फ़ैसले को लागू किया जाए और इस्राईल के प्रधान मंत्री बिन्यामीन नेतन्याहू को गिरफ्तार किया जाए।

ब्राज़ील: इस्राईली हमलों पर हम चुप नहीं रहेंगे

सीएनएन वेबसाइट ने यह भी बताया कि ब्राज़ील के राष्ट्रपति "लूला डी सिल्वा" ने एलान किया है कि उनका देश ग़ज़ा में इस्राईली उल्लंघनों पर चुप नहीं रह सकता।

उन्होंने कहा: मैं उन महिलाओं और बच्चों के लिए एकजुटता का अनुरोध करना चाहता हूं जो इस्राईली सरकार की ग़ैरज़िम्मेदारी की वजह से लगातार फ़िलिस्तीन में मर रहे हैं।

स्पेन और इस्राईल के रिश्तों पर छाया बादल

गार्जियन के अनुसार, स्पेन की रक्षा मंत्री मार्गारीटा रोबल्स ने ग़ज़ा युद्ध को फ़िलिस्तीनी जनता का नरसंहार बताया और कहा कि फ़िलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने के मैड्रिड के फ़ैसले के बाद इस्राईल और स्पेन के बीच संबंध ख़राब हो गए हैं।

स्पेन के विदेश मंत्री जोस मैनुअल अल्बेरेस (José Manuel Albares) ने भी एक्स सोशल नेटवर्क पर लिखा: अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय द्वारा निर्धारित निवारक उपाय, जिसमें यह भी शामिल है कि इस्राईली शासन को रफ़ह पर अपने सैन्य आक्रमण को रोकना चाहिए, अनिवार्य और बाध्यकारी हैं और इस्राईल को उनका पालन करना चाहिए, यह युद्धविराम की स्थापना, क़ैदियों की रिहाई और ग़ज़ा में मानवीय सहायता तक पहुंच पर भी लागू होता है।

डेनमार्क: फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ इस्राईल के सैन्य आप्रेशन को रोका जाए

अनातोलिया समाचार एजेंसी के अनुसार, डेनिश विदेश मंत्री लार्स लोके रासमुसेन ने भी कहा: "वर्तमान समय में और अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के फ़ैसले के अनुसार, हमें रफ़ह पर इस्राईल के ज़मीनी हमले को तत्काल रुकवाना चाहिए और युद्धविराम लागू करवाना चाहिए, ज़ायोनी शासन को इस फ़ैसले का पालन करना होगा।

यूरोपीय संघ के कर्मचारियों का आपत्ति पत्र

गार्जियन अखबार ने अपनी रिपोर्ट में बताया: 200 से अधिक यूरोपीय संघ के कर्मचारियों ने संघ के तीन प्रमुखों के नाम आपत्ति पत्र में ग़ज़ा में मानवीय संकट के प्रति यूरोपीय ब्लॉक की उदासीनता को चिंताजनक बताया और इसे ब्रसल्स के बुनियादी मूल्यों के विपरीत क़रार दिया।

इटली: यूएनआरडब्ल्यूए को फिर से सहायता शुरू

रॉयटर्स के मुताबिक, इटली के विदेश मंत्री एंटोनियो ताजानी ने फ़िलिस्तीनी प्रशासन के प्रधानमंत्री मुहम्मद मुस्तफ़ा से मुलाक़ात में यह भी कहा कि इटली 35 मिलियन यूरो विशेष करके फ़िलिस्तीनी शरणार्थियों की एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) को फिर से अपना समर्थन शुरू करेगा।

बोरल: अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का फ़ैसला बाध्यकारी है

यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रभारी "जोसेफ़ बोरल" ने एक्स सोशल नेटवर्क पर एक मैसेज में लिखा: ग़ज़ा में ज़ायोनी शासन के सैन्य अभियानों की समाप्ति के संबंध में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के आदेश बाध्यकारी हैं और पूर्ण रूप से एवं प्रभावी ढंग से इस पर अमल किया जाना चाहिए।

 

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