3 प्रतिशत के साथ G-7 का सैन्य ख़र्चा, सदी के सबसे बड़े संकट को हल करने के बारे में ऑक्सफ़ैम की राय
(last modified Thu, 13 Jun 2024 12:19:21 GMT )
Jun १३, २०२४ १७:४९ Asia/Kolkata
  • 3 प्रतिशत के साथ G-7 का सैन्य ख़र्चा, सदी के सबसे बड़े संकट को हल करने के बारे में ऑक्सफ़ैम की राय

पार्सटुडे- ऑक्सफैम चैरिटी ने इटली में जी-7 बैठक की पूर्व संध्या पर एक बयान में एलान किया: इस ग्रुप के सैन्य ख़र्च का केवल 3 प्रतिशत हिस्सा, वैश्विक खाद्य और ऋण संकट को हल करने में मदद कर सकता है।

पार्सटुडे के अनुसार, सदी की सबसे बड़ी वैश्विक आपदा "भूख" का सामना दुनिया कर रही है और हालिया दशकों में पहली बार बच्चों में इतनी तेज़ी से भूख और कुपोषण बढ़ का ख़तरा बढ़ रहा है जिसकी वजह से ज़मीन पर रहने वाले लाखों परिवार अपने बच्चों के लिए पर्याप्त भोजन की तलाश में हैं।

"ऑक्सफ़ैम" ने एक बयान में कहा:

दुनिया में "भूख" मिटाने के लिए सालाना 31 अरब 70 करोड़ डॉलर की ज़रूरत होती है जबकि दुनिया के सबसे ग़रीब देशों का क़र्ज़ कम करने में "ग्रुप -7" का योगदान भी 4 अरब डॉलर है।

दुनिया में पूरी तरह से भूखमरी को ख़त्म करने के लिए "ऑक्सफैम" द्वारा अनुमानित बजट, 2023 में सैन्य खर्चों के लिए "जी7" द्वारा खर्च किए गए 1200 बिलियन डॉलर के 2.9 प्रतिशत के बराबर है।

ऑक्सफैम के बयान के अनुसार, आज सरकारें युद्ध और रक्तपात के लिए तैयार हैं और जब भूखमरी को रोकने की बात आती है, तो वे अचानक दिवालिया हो जाती हैं।

गुरुवार 13 जून को इस ग्रुप को डोनेट किए गए धन को आवंटित करने के लिए G7 की वार्षिक बैठक इटली के आपोलिया इलाक़े में आयोजित की जाएगी। इस ग्रुप में अमेरिका सहित दुनिया के सात औद्योगिक देश ब्रिटेन, फ्रांस, जापान, कनाडा, जर्मनी, और इटली शामिल हैं।

कीवर्ड्स: जी7 पर ऑक्सफ़ैम का बयान, विश्व भुखमरी संकट, सात औद्योगिक देशों का सैन्य ख़र्च (AK)

 

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