राबर्ट फ़िस्कः क़ज़्ज़ाफ़ी का अमरीकी वरजन हैं ट्रम्प
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ब्रिटेन के मशहूर पत्रकार और लेखक राबर्ट फ़िस्क ने लिखा है कि अमरीका के वर्तमान राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प लीबिया के पूर्व शासक कर्नल मुअम्मर क़ज़्ज़ाफ़ी का अमरीकी वरजन हैं।
(last modified 2023-04-09T06:25:50+00:00 )
May १०, २०१८ १६:२५ Asia/Kolkata
  • राबर्ट फ़िस्कः क़ज़्ज़ाफ़ी का अमरीकी वरजन हैं ट्रम्प

ब्रिटेन के मशहूर पत्रकार और लेखक राबर्ट फ़िस्क ने लिखा है कि अमरीका के वर्तमान राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प लीबिया के पूर्व शासक कर्नल मुअम्मर क़ज़्ज़ाफ़ी का अमरीकी वरजन हैं।

इंडिपेन्डेंट अख़बर में छपे अपने लेख में फ़िस्क ने लिखा कि ईरान के परमाणु समझौते से बाहर निकलने के अपने शर्मनाक और जुनूनी फ़ैसले की घोषणा करके पूरी तरह क़ज़्ज़ाफ़ी जैसे लगे जिसे ज़मीनी सच्चाई का कोई आभास ही नहीं है।

राबर्ट फ़िस्का का मनना है कि ट्रम्प और क़ज़्ज़ाफ़ी के बीच अनेक समानताएं हैं जिनमें एक समानता आत्म मुग्धता है। क़ज़्ज़ाफ़ी को तो यहां तक घमंड था कि उन्हें ग्रीन बुक भी लिख डाली। इसी प्रकार ट्रम्प ने भी वर्ष 1987 में एक किताब लिखी जिसमें यह बताया कि किस तरह व्यापार का संचालन किया जाना चाहिए। दोनों की किताबों से साफ़ ज़ाहिर होता है कि इनके लिखने वाले घमंड में चूर हैं।

राबर्ट फ़िस्क का कहना है कि डोनल्ड ट्रम्प के शासन काल में वाइट हाउस क़ज़्ज़ाफ़ी के उस ख़ैमे की तरह हो गया है जिसे क़ज़्ज़ाफ़ी हमेशा साथ रखते थे और जहां जाते साथ ले जाते थे।

राबर्ट फ़िस्क ने समानताएं बयान करते हुए आगे लिखा कि करनल क़ज़्ज़ाफ़ी ने फ़िलिस्तीन मुद्दे का यह समाधान पेश किया था कि फ़िलिस्तीनियों और इस्राईलियों का संयुक्त देश बने जिसका नाम इस्रातीन रख दिया जाए यह विचार काफ़ी हद तक ट्रम्प के इस फ़ैसले से समानता रखता है कि अमरीका का दूतावास तेल अबीब से बैतुल मुक़द्दस स्थानान्तरित कर दिया जाए।

फ़िस्क के अनुसार दोनों के बीच एक और समानता यह है कि दोनों ही अपने दुशमन से हर हाल में इंतेक़ाम लेना चाहते हैं। यह बात सब जानते हैं कि ट्रम्प ने ईरान के परमाणु समझौते से निकलने का जो फ़ैसला किया है उसका लाभ आख़िरकार इस्राईल को ही मिलना है।

राबर्ट फ़िस्क ने अपने लेख में लिखा कि अरब हमेशा कहते थे कि इस्राईल अमरीका का ही एक राज्य है लेकिन अब जो हक़ीक़त सामने आ रही है उससे पता चलता है कि अमरीका इस्राईल का एक भाग बन गया है।

वरिष्ठ ब्रिटिश पत्रकार ने अपने लेख में लिखा कि ट्रम्प ने कल जो भाषण दिया उसमें वही बातें थीं जो बिनयामिन नेतनयाहू ने संयुक्त राष्ट्र संघ में अपने भाषण में कही थीं।

निश्चत रूप से उत्तरी कोरिया की नज़रें भी इस स्थिति पर हैं ताकि ट्रम्प से अपनी वार्ता में इसको ध्यान में रखा जाए।

राबर्ट फ़िस्क ने अपने लेख में ट्रम्प और क़ज़्ज़ाफ़ी की एक समानता नहीं बयान की जबकि यह भी महत्वपूर्ण समानता है। दोनों ही यौन संबंधी मामलों में बदनाम रहे हैं।